नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने इलाहाबाद में 2019 कुंभ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रबंधन में कई खामियां पाई हैं. इनमें ठोस कचरे के खराब निपटान से लेकर भीड़ प्रबंधन में खामी और मुहैया कराए धन के उपयोग में विसंगतियां शामिल हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि कुंभ मेले में प्रभावी भीड़ प्रबंधन के लिए राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए 32.5 लाख रुपये के ड्रोन कैमरों का उपयोग नहीं किया गया और वे निष्क्रिय रहे.
इलाहाबाद हेरिटेज सोसाइटी की ओर से इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि शहर का नाम बदलने से जनहित प्रभावित नहीं होता. याचिकाकर्ता ने इस फ़ैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर सीमा जावेद ने कुंभ के दौरान इलाहाबाद की हवा इतनी खराब होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि एनजीटी के आदेश के बावजूद इलाहाबाद में वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के सरकारी प्रयास नहीं हो रहे हैं.
राजस्थान की ओर से ऐसे सर्वाधिक सात प्रस्ताव भेजे गए. इसके बाद हरियाणा से छह, मध्य प्रदेश एवं नगालैंड से चार-चार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन और केरल से ऐसे दो प्रस्ताव भेजे गए.
दीन-ए-इलाही के प्रवर्तक अकबर ने देश में किसी नाले तक का नाम बदलने का प्रयास नहीं किया, तो उसे प्रयाग से क्योंकर कोई चिढ़ हो सकती थी?
योगी सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रयागराज नाम रखे जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंज़ूरी प्रदान कर दी है. ऋगवेद, महाभारत और रामायण में प्रयागराज का उल्लेख मिलता है.