उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक पाइन रेजिन फैक्ट्री में तीन मज़दूरों की जंगल की आग को बुझाने के दौरान झुलसने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल है. पिछले साल 1 नवंबर से अब तक उत्तराखंड में जंगल में आग लगने की 868 घटनाएं हुई हैं, जिसमें 1,000 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि नष्ट हो गई है.
ओडिशा के जाजपुर क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन पर बीते बुधवार को हुआ हादसा. एक बयान में कहा गया है कि ठेका मज़दूरों ने रेलवे स्टेशन के पास हवा और बारिश से सुरक्षा पाने के लिए वहां खड़ी एक मालगाड़ी के नीचे शरण ली थी. बिना इंजन के खड़ी मालगाड़ी आंधी के कारण लुढ़कने लगी, जिससे दुर्घटना हुई.
बृहस्पतिवार रात रामबन ज़िले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर एक निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढहने से एक मज़दूर की मौत हो गई थी, वहीं तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. मलबे में नौ मज़दूर फंस गए थे. शनिवार को उनके शवों को भी बरामद कर लिया गया.
यह हादसा मोरबी ज़िले में गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) की सीमा के तहत आने वाले हलवाड़ औद्योगिक क्षेत्र के अंदर सागर साल्ट फैक्ट्री में हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है.