हरियाणा सरकार ने अभी तक इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सा अधिकारियों के इस्तीफ़ों के पीछे के कारण का ख़ुलासा नहीं किया है, लेकिन कुछ चिकित्सा अधिकारियों ने इशारा किया है कि ऐसा ज़्यादातर वेतन संरचना (जो कि निजी क्षेत्र में दी जा रही पेशकश के बराबर नहीं है), काम के भारी बोझ और नई पेंशन योजना की शुरुआत के कारण है.
सरकार द्वारा जारी ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2021-22 रिपोर्ट बताती है कि देश में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आवश्यकता की तुलना में लगभग 80% विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, जिनमें सर्जन, प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल हैं.
भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने महामारी की पहली लहर से सबक नहीं लिया और इस वजह से दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत हुई. उन्होंने संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की.
लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है. कई राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की कमी से जूझते हुए बिजली, पानी, शौचालय आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के बगैर काम कर रहे हैं.