अनुच्छेद 370 हटाने से कमजोर हुई लद्दाख की हिल काउंसिल, निवासी मायूस

निवासियों का कहना है कि संविधान की छठी अनुसूची में जोड़े बिना लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से कोई लाभ नहीं मिला है. लद्दाख के भाजपा नेता भी यह मांग उठा रहे हैं.

लद्दाख: सोनम वांगचुक को गुमनाम ‘शुभचिंतक’ ने दी सरकारी जांच की चेतावनी

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, छठी अनुसूची में शामिल करने और नाज़ुक हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए विरोध कर रहे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने कहा कि उन्हें मिले एक गुमनाम पत्र में कहा गया कि ‘एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग विभाग’ ने उनके संस्थान की बैंक डिटेल्स ली हैं, साथ ही ख़ुद को सोनम का 'शुभचिंतक' बताने वाले एक अन्य शख़्स ने उन्हें जान के संभावित ख़तरों को लेकर चेताया.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद करगिल में हुए पहले चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जीता

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (करगिल) चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 26 में से 22 सीटें जीतीं हैं. चुनावों के नतीजों को जम्मू कश्मीर पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 5 अगस्त 2019 के फैसलों और क्षेत्र में उसके बाद लागू की गईं नीतियों के प्रतिकार के रूप में भी देखा जा रहा है.

लद्दाख: शिलान्यास पट्टिकाओं पर केवल भाजपा सांसद और पार्षदों के नाम लिखे जाने पर विवाद

लद्दाख के करगिल ज़िले में भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. हालांकि, जिन निर्वाचित पार्षदों के क्षेत्र में उक्त परियोजनाएं शुरू की गईं, उनके नाम शिलान्यास पट्टिकाओं पर न देकर नज़दीकी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा पार्षदों के नाम लिखे गए हैं.

केंद्रशासित लद्दाख के लोग सरकार से नाराज़ क्यों हैं

अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अलग कर केंद्रशासित राज्य लद्दाख बनाए जाने के बाद से इसे पूर्ण राज्य का दर्जा और यहां के निवासियों को ज़मीन और नौकरी की सुरक्षा गारंटी दिए जाने की मांग आए दिन होती रहती है. आमतौर पर लद्दाख के मुस्लिम बहुल कारगिल और बौद्ध बहुल लेह क्षेत्र एक दूसरे से बंटे रहते हैं, लेकिन इस बार लोगों ने एक सुर में क्षेत्र की संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई है.

जम्मू कश्मीर के उलट लद्दाख में सभी नॉन-गजेटेड नौकरियां स्थानीयों के लिए आरक्षित

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में ऐसे बाहरी लोग सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं जो वहां एक निश्चित समय तक रह चुके हैं जबकि लद्दाख में केवल 5 अगस्त, 2019 से पहले के स्थायी निवासियों और लेह व कारगिल ज़िलों में रहने वाले ही अब नॉन-गजेटेड नौकरी के पात्र रहेंगे.

लद्दाख: भाजपा सहित सभी राजनीतिक-धार्मिक समूहों ने पहाड़ी परिषद चुनाव के बहिष्कार का फैसला किया

नवनिर्मित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बौद्ध बहुल लेह जिले में भाजपा सहित सभी राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की मांग है कि क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाया जाए. ये समूह क्षेत्र की जनसांख्यिकी, भूमि और नौकरियों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं.

लॉकडाउन: लद्दाख के भाजपा अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने इस्तीफा दिया

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भाजपा अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देशभर में फंसे हुए मरीजों, श्रद्धालुओं और छात्रों के साथ लद्दाख के करीब 20 हजार लोगों को वापस ला पाने में उनकी पार्टी और लद्दाख प्रशासन विफल रहा है.

लॉकडाउनः लद्दाख में ज़रूरी सामान की कमी, उपराज्यपाल से मदद की गुहार

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन देकर कहा है कि अगर उनकी समस्याएं एक सप्ताह के भीतर नहीं सुलझती हैं तो क़ानून एवं व्यवस्था को लेकर पैदा होने वाली दिक्कतों में उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी.