लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जलवायु एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने एक वीडियो जारी कर सवाल किया कि ट्रोल्स के पास उनके एनजीओ की 25 साल पुरानी जानकारी, जो सिर्फ उनके और गृह मंत्रालय के पास है, कैसे पहुंची.
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, छठी अनुसूची में शामिल करने और नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए दबाव बनाने के लिए अनशन पर बैठे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने 21वें दिन इसे ख़त्म करते हुए कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक नागरिक समूहों को यह महसूस नहीं होता कि उनकी मांगें पूरी हो गई हैं.