केंद्र ने सहयोगी दलों और विपक्ष के दबाव के बीच लैटरल एंट्री पर यू-टर्न लिया

मंत्रालयों में लैटरल एंट्री को लेकर विपक्ष के साथ एनडीए के सहयोगी दलों के विरोध के बीच केंद्र सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है. विपक्ष ने इस निर्णय को आरक्षण विरोधी बताया था.

मोदी सरकार के मंत्री चिराग पासवान ने मंत्रालयों में लैटरल एंट्री से भर्ती को ग़लत बताया

एनडीए गठबंधन में शामिल लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्र सरकार में मंत्री चिराग पासवान ने लैटरल एंट्री को ग़लत बताते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ऐसी नियुक्तियों के बिल्कुल पक्ष में नहीं है.

केंद्रीय मंत्रालयों में 45 पदों पर सीधी भर्ती का विज्ञापन, विपक्ष ने क़दम आरक्षण विरोधी बताया

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 24 केंद्रीय मंत्रालयों में लैटरल एंट्री योजना के माध्यम से संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक के 45 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है. योजना के तहत सरकारी विभागों में अनुबंध के आधार पर विशेषज्ञों की नियुक्ति इंटरव्यू के जरिए सीधी भर्ती के माध्यम से की जाती है.

मोदी सरकार का लेटरल एंट्री पर ज़ोर, फिर निजी क्षेत्र के 25 विशेषज्ञ केंद्र में प्रमुख पदों पर शामिल होंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में तीन संयुक्त सचिवों और 22 निदेशकों/उप सचिवों की नियुक्ति को मंज़ूरी दी है. 2018 में शुरू की गई लेटरल एंट्री स्कीम के तहत संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव स्तर पर भर्तियां की जाती हैं.

यूपीएससी ने संयुक्त सचिव, उप-सचिव पदों के लिए निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों का चयन किया

लैटरल एंट्री के तहत नियुक्त किए गए इन लोगों में से तीन संयुक्त सचिव, 19 निदेशक और नौ उप-सचिव बनाए गए हैं. मोदी सरकार द्वारा लाई गई इस नई व्यवस्था के तहत ऐसे लोगों को मंत्रालयों में अधिकारी बनाया जाता है, जिन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास नहीं की है.

केंद्र सरकार लैटरल एंट्री के ज़रिये संयुक्त सचिव और निदेशक पद पर नियुक्तियां करेगा

लैटरल एंट्री के तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव पद पर तीन और निदेशक स्तर के पदों पर 27 नियुक्तियां होनी हैं. लैटरल एंट्री सरकारी विभागों में निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति से संबंधित है. इसके तहत ऐसे लोगों को आवेदन करने योग्य माना गया है, जिन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास नहीं की है.

‘लैटरल एंट्री’ के जरिए सरकार ने निजी क्षेत्र के नौ विशेषज्ञों को संयुक्त सचिव नियुक्त किया

आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस, आईएफएस या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.

उप-सचिव, निदेशक स्तर के 400 पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भर्ती करेगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने यह फैसला इस साल अप्रैल में निजी क्षेत्रों के नौ विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुनने के बाद किया है.

लैटरल एंट्री: सरकारी विभागों में संयुक्त सचिव बने निजी क्षेत्र के नौ अधिकारी

आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस, आईएफएस या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.

संयुक्त सचिव स्तर पर लैटरल एंट्री: निजी क्षेत्र से मिले 6,000 आवेदन, 89 छांटे गए

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में लैटरल एंट्री तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.

क्या सिविल सेवा में लैटरल एंट्री की पहल ही पेशेवरों की कमी ख़त्म करने का सबसे बेहतर तरीका है?

ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.

मंत्रालयों-विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ संस्थाओं के भगवाकरण का प्रयास: वीरप्पा मोइली

प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.

आईएएस लैटरल एंट्री: असली सवाल तो सरकार की नीयत का है

लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.

आईएएस लैटरल एंट्री: नौकरशाही में बदलाव के नाम पर मोदी सरकार का नया स्टंट

संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 38: यूपीएससी के बिना संयुक्त सचिवों की नियुक्ति

हम भी भारत की 38वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मोदी सरकार द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के दस पदों के लिए बिना लोकसेवा आयोग की परीक्षा के नियुक्तियों के आवेदन आमंत्रित करने पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुंदर बुर्रा और हार्ड न्यूज़ पत्रिका के संपादक संजय कपूर से चर्चा कर रही हैं.