जेएनयू राजद्रोह मामलाः अदालत ने कन्हैया कुमार व अन्य को 15 मार्च को तलब किया

2016 के जेएनयू राजद्रोह मामले में दिल्ली सरकार द्वारा पुलिस को आरोपियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे की मंज़ूरी देने के क़रीब साल भर बाद मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया है. कन्हैया कुमार के अलावा मामले में उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है.

जेएनयू राजद्रोह मामला: दिल्ली सरकार ने कन्हैया कुमार पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू परिसर में नौ फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत पूर्व छात्रों उमर ख़ालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य के ख़िलाफ़ भी आरोप-पत्र दाख़िल किया था.

जेएनयू राजद्रोह मामला: अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा- दिल्ली सरकार से जल्द लेकर आएं मंजूरी

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से आवश्यक मंजूरी लेने की समयसीमा बढ़ाते हुए मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए टाल दी.

जेएनयू राजद्रोह मामले में पुलिस के गवाह बने सभी 14 छात्र-छात्राओं का संबंध एबीवीपी से: रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप-पत्र में 24 पुलिसकर्मियों, जेएनयू के 14 छात्र-छात्राओं और ज़ी न्यूज़ के चार कर्मचारियों समेत 77 लोगों को गवाह बनाया है. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों पर देशविरोधी नारे लगाने का आरोप है.

अपूर्वानंद की मास्टरक्लास: क्यों लोकतंत्र विरोधी है राजद्रोह क़ानून

दिल्ली पुलिस ने 2016 में दर्ज राजद्रोह के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा अन्य के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया है. इस मुद्दे पर अपूर्वानंद का नज़रिया.

जेएनयू राजद्रोह: कोर्ट ने पुलिस से पूछा, सरकार की मंज़ूरी बिना आरोप-पत्र क्यों दाख़िल किया

कोर्ट ने कहा कि समुचित मंज़ूरी बिना अदालत आरोप-पत्र पर संज्ञान नहीं लेगी. जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व छात्र उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य पर परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप है.

पिछले सात साल में सरकार ने क़ानूनी लड़ाई पर ख़र्च किए 160 करोड़ रुपये

विधि एवं न्याय राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में दी जानकारी. भारत सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अदालती मामले लड़ने के लिए 2011-12 के मुक़ाबले 2017-18 में चार गुना से ज़्यादा पैसे ख़र्च किए गए हैं.