अधूरेपन का एहसास जनतांत्रिकता की बुनियाद है

जनतंत्र तरलता और निरंतर गतिशीलता से परिभाषित होता है. न तो व्यक्ति कभी अंतिम रूप से पूर्ण होता है, न कोई समाज. लेकिन अपूर्णता का अर्थ यह नहीं कि आप अपने साथ कुछ करते ही नहीं, ख़ुद को पूर्णतर करने का प्रयास लगातार चलता है. कविता में जनतंत्र स्तंभ की 31वीं क़िस्त.

अनएकेडमी ने छात्रों से एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को वोट देने के लिए कहने पर शिक्षक को नौकरी से निकाला

ऑनलाइन शिक्षा मंच अनएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि कंपनी द्वारा लागू सख्त ‘आचार संहिता’ के ‘उल्लंघन’ के कारण शिक्षक करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा. एक वायरल वीडियो में सांगवान को छात्रों से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे उन लोगों को वोट न दें, जो केवल नाम बदलने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि अच्छे शिक्षित राजनेताओं को चुनें.

कोविड-19 के कारण पढ़ाई को हो रहे नुकसान से पूरी पीढ़ी हो सकती है प्रभावित: रिपोर्ट

यूनेस्को और यूनिसेफ के सहयोग से विश्व बैंक द्वारा तैयार एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पढ़ाई में कमज़ोर बच्चों का हिस्सा 53 प्रतिशत था, जो कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद होने के चलते 70 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.

भारत में 14-18 आयु वर्ग के 80 फ़ीसदी बच्चों में कोविड के दौरान सीखने के स्तर में गिरावट आई: यूनिसेफ

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 6-13 वर्ष के बीच के 42 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल बंद होने के दौरान किसी भी प्रकार की दूरस्थ शिक्षा का उपयोग नहीं करने की सूचना दी. इसका मतलब है कि उन्होंने पढ़ने के लिए किताबें, वर्कशीट, फोन या वीडियो कॉल, वॉट्सऐप, यूट्यूब, वीडियो कक्षाएं आदि का इस्तेमाल नहीं किया है.