घटना बदायूं ज़िले की है. तहसील कार्यालय में एक वृद्ध किसान ने ज़हर खा लिया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. उसके द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में दो राजस्व अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि दोनों ने रिश्वत लेकर उनकी ज़मीन किसी और के नाम हस्तांतरित कर दी थी.
जिस जनता के दम पर नेता जीत कर सरकार बना लेते हैं उस सरकार के सामने जनता लगातार हार रही है. उसका जनता बनना बाकी है. वह धार्मिक उन्माद, जातिवादी अहंकार के पीछे दौड़कर ख़ुद को जनता समझती रहे मगर जब भी वह आवाज़ उठाएगी, कुचल दी जाएगी.