विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ख़ासतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से कहा कि वे उसकी कुष्ठ रणनीति 2021-30 के दृष्टिकोण के अनुरूप कुष्ठ रोग, इसके प्रति दुर्भावना और भेदभाव को ख़त्म करने के लक्ष्य को पाने के लिए कोशिशें तेज़ करें.
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय निदेशक पूनम क्षेत्रपाल सिंह ने कहा कि कुष्ठ रोग को समाप्त करने में भेदभाव, लांछन और पूर्वाग्रह सबसे प्रमुख बाधाएं हैं. अगर शुरू में इस बीमारी का पता लग जाए तो इसका शत प्रतिशत इलाज संभव है.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल एक याचिका में आरोप लगाया है कि हर साल देश में लगभग सवा लाख लोग कुष्ठ रोग से प्रभावित होते हैं. 1981 से ही देश में इसका मेडिकल इलाज उपलब्ध होने के बावजूद सरकारें अब तक इसे जड़ से ख़त्म करने में असफल रही हैं.