द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
पांच जजों की पीठ द्वारा 3:2 से यह प्रस्ताव भी ख़ारिज कर दिया गया कि समलैंगिक जोड़े बच्चों को गोद ले सकते हैं.
वीडियो: जून महीने को दुनियाभर के कई देशों में 'प्राइड मंथ' के तौर पर मनाया जाता है. इस महीने की पहली तारीख को डीयू के विद्यार्थियों ने एक मार्च निकाला, जिसका मक़सद एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों और संघर्षों पर बात करना, साथ ही समाज में उनके बारे में जागरूकता फैलाना था.
महिलाओं ने सुसाइड नोट में लिखा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर समाज के रवैये से हो रही थीं मुश्किलें. तीन साल बेटी को भी नदी में फेंका.
आईपीसी की धारा 377 कहती है कि जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिए उसे उम्रक़ैद की सज़ा होगी.