समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट बोला- विशेष विवाह अधिनियम के तहत 30 दिन का नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत सार्वजनिक आपत्ति आमंत्रित करने वाले 30 दिनी नोटिस पर हुई चर्चा के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अनिवार्य नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’ है और ‘समाज के खुले हस्तक्षेप’ को बढ़ावा देता है.

त्रिपुरा पुलिस पर ट्रांसजेंडर्स के लिंग की पहचान के लिए उन्हें जबरन निर्वस्त्र कराने का आरोप

आरोप है कि त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के एक होटल में पार्टी करके रात में लौट रहे ट्रांसजेंडर समुदाय के चार लोगों को कुछ पुलिसकर्मियों और एक पत्रकार ने रास्ते में रोककर उन्हें एक महिला पुलिस स्टेशन ले गए थे, जहां उन्हें जबरन निर्वस्त्र कराया गया.

कोविड महामारी ने पहले से हाशिये पर पड़े एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय की पीड़ा को और बढ़ाया है

एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों के लिए काम करने वाले सहायता समूहों और संगठनों की हेल्पलाइन पर मदद मांगने के लिए आई फोन कॉल की संख्या में हुई कई गुना बढ़ोतरी कोविड-19 महामारी के दौरान समुदाय के लिए बढ़ी चुनौतियों को दिखाती है.

विरोध के बावजूद राज्यसभा ने ट्रांसजेंडर विधेयक को मंज़ूरी दी

राज्यसभा में चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस, कांग्रेस और बसपा समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने ट्रांसजेंडर विधेयक को प्रवर समिति के समक्ष भेजने की मांग की, जिसे ख़ारिज कर दिया गया. बीते अगस्त महीने में संसद के पिछले सत्र के दौरान लोकसभा में इसे पारित किया जा चुका है.

ट्रांसजेंडर्स द्वारा भीख मांगने को अपराध घोषित करने वाला प्रावधान विधेयक से हटाया गया

ट्रांसजेंडर्स विधेयक से उस प्रावधान को भी हटा दिया गया है जिसके तहत ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपने समुदाय का होने की मान्यता प्राप्त करने के लिए जिला स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष पेश होना अनिवार्य था.

मीडिया बोल, एपिसोड 66: सवर्ण भारत बंद, किसान-मज़दूर रैली और समलैंगिक आज़ादी का उल्लास

मीडिया बोल की 66वीं कड़ी में उर्मिलेश एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्णों द्वारा किए गए भारत बंद, दिल्ली में किसान और मज़दूर संगठनों की रैली और समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर लाने पर वरिष्ठ पत्रकार शैलेष और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल से चर्चा कर रहे हैं.

धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आरएसएस सहमत, लेकिन समलैंगिक विवाह का समर्थन नहीं

आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि समलैंगिक विवाह प्राकृतिक नहीं होते, इसलिए हम इस तरह के संबंध का समर्थन नहीं करते हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 301: समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

जन गण मन की बात की 301वीं कड़ी में विनोद दुआ सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिकता को लेकर दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर चर्चा कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को ठहराया गैर-आपराधिक, सहमति से समलैंगिक संबंध बनाना अपराध नहीं

शीर्ष अदालत ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय को अन्य नागरिकों की तरह समान मानवीय और मौलिक अधिकार हैं. अदालतों को व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए क्योंकि गरिमा के साथ जीने के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर मान्यता दी गई है.