प्रभात ख़बर के एक वरिष्ठ संपादक द्वारा झारखंड में शराब माफिया पर अख़बार के कवरेज को लेकर मुख्य संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को मिले धमकी भरे कॉल के संबंध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखे जाने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. शराब माफिया ने अपने ख़िलाफ़ झूठी ख़बर प्रकाशित किए जाने का आरोप लगाया है.
घटना धार ज़िले की है, जहां कुक्षी में अवैध शराब से भरे ट्रक को पकड़ने गए सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट व उनकी टीम के साथ कुछ शराब माफियाओं ने कथित रूप से मारपीट की. हमला करने वाला मुख्य आरोपी कुक्षी के पूर्व विधायक व वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष मुकाम सिंह किराडे का रिश्तेदार बताया जा रहा है.
घटना बेगूसराय ज़िले के बखरी थानाक्षेत्र की है, जहां 20 मई की रात एक वैवाहिक आयोजन से लौट रहे 26 साल के पत्रकार सुभाष कुमार महतो को गोली मार दी गई. उनके परिजनों और दोस्तों का कहना है कि इसकी वजह शराब और बालू माफिया को लेकर की गई रिपोर्टिंग है. वहीं, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के आरटीआई कार्यकर्ता पर उनके पैतृक गांव में हमला किया गया था और उनकी हालत गंभीर है. उन्होंने कुछ समय पहले ही पंचायती राज विभाग में गड़बड़ियों एवं अवैध शराब माफिया को लेकर शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की थी.
मध्य प्रदेश के विमुक्त समुदाय के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर हाल ही में राज्य के आबकारी अधिनियम में किए गए संशोधनों पर दोबारा विचार करने को कहा है. साथ ही उन्होंने क़ानून में आदिवासियों को मिली कुछ छूटों में उनके समुदाय को शामिल करने की भी मांग की है.
वीडियो: मध्य प्रदेश के विमुक्त समुदायों पर आबकारी पुलिस के प्रभावों का अध्ययन किया गया है, जो अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के एक हिस्से के रूप में महुआ पीते हैं. इससे संबंधित एक वीडियो द क्रिमिनल जस्टिस एंड पुलिस एकाउंटेबिलिटी प्रोजेक्ट ने जारी किया है. इसमें मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के बारे में बात की गई है. इसमें बताया गया है कि कैसे इस क़ानून का इस्तेमाल माफिया और बड़े बार तथा होटलों के ख़िलाफ़ न करके उत्पीड़ित जाति समूहों
एबीपी गंगा में कार्यरत प्रतापगढ़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव ने शराब माफिया से धमकी मिलने का संकेत देते हुए इलाहाबाद पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. पुलिस ने दावा किया है कि सोमवार की रात सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया समेत विपक्ष के नेताओं ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाए हैं.
प्रतापगढ़ ज़िले के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव एबीपी गंगा में कार्यरत थे. शराब माफिया के बारे में ख़बर लिखने के बाद बीते 12 जून को उन्होंने धमकी मिलने का संकेत देते हुए इलाहाबाद के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी. पुलिस ने दावा किया कि उनकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में बीते कुछ दिनों से ज़हरीली शराब पीने की वजह से दो अलग-अलग घटनाओं में 45 से अधिक लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है. हालांकि कांग्रेस ने 100 से अधिक लोगों की मौत होने का दावा किया है. पुलिस ने शराब कांड के मुख्य आरोपी भाजपा सदस्य ऋषि शर्मा को गिरफ़्तार कर लिया है. गिरफ़्तारी के बाद उसे पार्टी से निकाल दिया गया है.
बीते छह जनवरी को निषेध प्रभाग के एसपी राकेश कुमार सिन्हा ने एक पत्र में कहा था कि भले ही सरकार ने शराबबंदी लागू की हो, लेकिन आबकारी विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से सभी थानाक्षेत्रों में शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. सिन्हा ने सभी ज़िलों के एसपी से इस पर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध भी किया था.