वर्ष 1991 में शराब निषेध अधिनियम पारित होने के बाद से मणिपुर आधिकारिक तौर पर एक 'ड्राई स्टेट' था, जहां सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति के समुदायों को पारंपरिक कारणों से शराब बनाने की छूट दी गई थी. अब ग्रेटर इंफाल, ज़िला मुख्यालयों, पर्यटन स्थलों और कम से कम 20 बेड वाले पंजीकृत होटल प्रतिष्ठानों में शराब बेची और पी जा सकती है.