लिव इन संबंध घरेलू हिंसा क़ानून के प्रावधानों के दायरे में आते हैं: केंद्र सरकार

राज्यसभा में केंद्र सरकार ने लिव इन संबंधों को पंजीकृत करने के लिए कोई व्यवस्था शुरू करने और ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के बारे में पूछे गए एक सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि लिव-इन संबंध, जो विवाह की प्रकृति के होते हैं, घरेलू हिंसा क़ानून के प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं.

लिव-इन रिलेशनशिप को जीने के अधिकार से मिली निजी स्वायत्तता के नज़रिये से देखा जाना चाहिए: कोर्ट

कोर्ट ने दो अंतरधार्मिक लिव-इन रिलेशनशिप मामलों की सुनवाई के दौरान कहा कि इसे सामाजिक नैतिकता के नज़रिये से नहीं, बल्कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जीवन जीने के अधिकार से मिली निजी स्वायत्तता के नज़रिये से देखा जाना चाहिए. दोनों मामलों में आरोप है कि लड़कियों के परिजन उनके दैनिक जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘लिव-इन’ में रह रहे सरकारी कर्मचारी की बहाली का निर्देश दिया

याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ बर्ख़ास्तगी का आदेश इस आधार पर पारित किया गया था कि शादीशुदा होने के बावजूद वह एक अन्य महिला के साथ लिव-इन में रह रहे हैं. कहा गया था कि यह आचरण उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियम, 1956 के प्रावधानों और हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों के भी ख़िलाफ़ है.

लिव इन दंपति में से एक विवाहित हो, तो सुरक्षा नहीं दे सकतेः इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उन याचिकाकर्ताओं को पुलिस सुरक्षा देते हुए की, जो साथ रहना चाहते थे और बाद में उन्होंने विवाह कर लिया. इससे पहले लिव-इन में रहने वाले एक दंपति की सुरक्षा की मांग वाली याचिका अदालत ने यह कहते हुए ख़ारिज कर दी थी कि महिला पहले से विवाहित थीं.

परिवारों के हस्तक्षेप के बिना दो वयस्क साथ-साथ रह सकते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ़र्रुख़ाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिव-इन में रह रहे एक युवक-युवती को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, जो अपने पारिवारिक सदस्यों की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं.