वित्तीय वर्ष 2024 में बैंकों ने 1.7 ट्रिलियन रुपये के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले: सरकार

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में बताए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में 1.7 ट्रिलियन रुपये के कर्ज बट्टे खाते में डाले गए हैं.

बैंक पिछले 5 वर्षों में बट्टे खाते में डाले गए ऋणों की 81.30 फीसदी राशि वसूलने में विफल रहे: रिपोर्ट

जब कोई कंपनी जानबूझकर बैंक से लिया गया कर्ज़ नहीं चुकाती है तो उस राशि को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है. पिछले पांच वर्षों में बैंकों ने 9.90 लाख करोड़ रुपये की राशि बट्टे खाते में डाली है, जिसमें से केवल 1,85,241 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

वित्त वर्ष 2014-15 से बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले: केंद्र

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि बट्टे खाते में डाले गए कुल 14,56,226 करोड़ रुपये के ऋणों में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये के थे.

आरबीआई के विलफुल डिफॉल्टर्स के क़र्ज़ को समझौते से निपटाने के निर्णय के ख़िलाफ़ आईं बैंक यूनियन

आरबीआई ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए विलफुल डिफॉल्टर्स (जानबूझकर क़र्ज़ न चुकाने वाले) और धोखाधड़ी के मामलों के ऋण निपटान के लिए समझौते की अनुमति दी है. बैंक यूनियन इसके ख़िलाफ़ हैं. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार आम जनता के पैसों को अपने चुनिंदा मित्रों पर न्योछावर कर रही है.

द्रमुक ने फ्रीबीज़ याचिका को लेकर पूछा- क्या कॉरपोरेट्स की ऋण माफ़ी तोहफ़ा नहीं

तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने सुप्रीम कोर्ट में दर्ज 'मुफ्त सुविधाओं' (फ्रीबीज़) से संबंधित याचिका में पक्षकार बनने का आग्रह करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार के शुरुआती तीन सालों में अडानी समूह के 72,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ माफ़ करने की बात कही है.

प्रधानमंत्री मोदी के ‘मुफ़्त की रेवड़ी’ बयान पर केजरीवाल बोले- ऐसा कहने वाले देश के गद्दार हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने लोगों को वोट के लिए मुफ़्त उपहार देने को 'रेवड़ी संस्कृति' क़रार देते हुए कहा था कि यह देश के विकास के लिए बहुत ख़तरनाक है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा है कि आम नागरिकों को मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली देने में ग़लत क्या है?