अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक 'फ्रीडम हाउस' ने 'फ्रीडम इन द वर्ल्ड' 2023 संस्करण में भारत को सौ में से 66 अंकों के साथ 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' देश मानते हुए कहा है कि भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों को ख़तरा बना हुआ है, आरटीआई क़ानून कमज़ोर हुआ है, लोकायुक्त संस्थाएं निष्क्रिय हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं.
कर्नाटक के कुछ पत्रकारों ने बताया था कि उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले दीवाली उपहार में नकद के लिफ़ाफ़े थे. दो संपादकों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखा था. कांग्रेस ने सरकार पर घूस देने के प्रयास का आरोप लगाते हुए कहा है कि बोम्मई के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का केस दर्ज होना चाहिए.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर यह कार्यवाही शुरू हुई थी. अपनी शिकायत में दुबे ने आरोप लगाया था कि जनता के पैसे का दुरुपयोग कर और भारी भ्रष्टाचार में संलिप्त शिबू सोरेन और उनके परिजनों ने अकूत धन एवं संपत्ति अर्जित की.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि कहा कि एसीबी का गठन लोकायुक्त को कमज़ोर करने के लिए किया गया था. अदालत का यह आदेश उस घटनाक्रम के बाद आया है जब इसी हाईकोर्ट के एक जज एचपी संदेश ने कहा था कि एसीबी से जुड़े एक भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई के लिए उन्हें तबादले की धमकी मिली थी.
माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन संबंधी निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि यह क़दम नैसर्गिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. विपक्षी यूडीएफ ने राज्यपाल से प्रस्तावित अध्यादेश को मंज़ूरी न देने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार के तर्क झूठे, राजनीति से प्रेरित और देश के क़ानूनों के ख़िलाफ़ हैं.
पश्चिम बंगाल लोकायुक्त अधिनियम, 2003 के अनुसार कोई भी जांच एक साल के भीतर पूरी की जानी चाहिए. आरटीआई के तहत मिली जानकारी दिखाती है कि 10 जनवरी को अपना तीन साल का कार्यकाल ख़त्म करने वाले लोकायुक्त अशीम कुमार रॉय ने शुरुआती 26 महीनों में कोई जांच पूर्ण नहीं की.
लोकायुक्त के समक्ष विपक्ष के नेता मुकुल संगमा ने आरोप लगाया था कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 और एनजीटी के प्रतिबंधों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करते हुए अवैध खनन किया जा रहा है. जयंतिया हिल ज़िले के ख्लीहरंगनाह में 141,000 मीट्रिक टन कोयला ग़ायब हो गया. इससे राजस्व का भारी नुकसान हुआ है.
शीर्ष अदालत नगालैंड सरकार द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें लोकायुक्त के कामकाज पर सवाल उठाए गए हैं. अदालत ने कहा कि महामारी के दौरान कैसे एक व्यक्ति दिल्ली में बैठे हुए लोकायुक्त हो सकता है. वह अपने पद की गरिमा कम कर रहे हैं. मेघालय हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश उमानाथ सिंह नगालैंड के लोकायुक्त हैं.
बीते दिनों गोवा के लोकायुक्त पद से रिटायर हुए जस्टिस प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने उनके साढ़े चार साल के कार्यकाल में जिन लोक अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफारिश की, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मौजूदा विधायक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास अपने आदेशों को लागू करने की शक्तियां नहीं थीं.
शीर्ष अदालत ने फ़िलहाल लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी.
इंडिया अगेंस्ट करप्शन अभियान के सात साल बाद अन्ना लोकपाल की मांग के साथ दिल्ली में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 12 राज्यों से पूछा क्यों नहीं नियुक्त हुए लोकायुक्त.
आरोपी ने लोकायुक्त में एक भ्रष्ट अधिकारी की शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में उसे जानकारी दी गई कि मामला बंद किया जा चुका है. जिसके बाद वह लोकायुक्त से मिलने आया और उन पर हमला कर दिया.
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम साल 2013 में लोकसभा और राज्यसभा की सहमति से पास हुआ था. लेकिन पिछले चार सालों में लोकपाल का चयन नहीं हो पाया है.
एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 27 अप्रैल, 2017 के फैसले के बावजूद अभी तक लोकपाल की नियुक्ति की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाए जाने का मुद्दा उठाया गया है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार ने 2012 में एक अधिसूचना जारी कर लोकायुक्त को सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया था.