जब चुनावी लोकतंत्र में ज़ब्त हो गई फ़िराक़ गोरखपुरी की ज़मानत

चुनाव में हार के बाद जब पीएम जवाहर लाल नेहरू से उनकी भेंट हुई तो नेहरू ने पूछा, सहाय साहब कैसे हैं? फ़िराक़ गोरखपुरी का जवाब था, ‘सहाय’ कहां, अब तो बस ‘हाय’ रह गया है.