अमेरिकी सरकार की एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) द्वारा पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव वाले स्टार्ट-अप एएसएआर के सहयोग से यह अध्ययन किया गया है. अध्ययन में पाया गया कि ग़रीब परिवारों के लिए एलपीजी सिलेंडर को फिर से भरने की कीमत इसके उपयोग में एक बड़ी बाधा है.
बच्चों के अधिकार के लिए लड़ने वाली माताओं के एक समूह ‘वारियर मॉम्स’ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि अभी औसतन 1,000 रुपये से ऊपर चल रहे सिलेंडर को ख़रीदने में असमर्थ वंचित परिवार ईंधन के लिए लकड़ी या कंडे जलाने पर निर्भर हैं, जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत होने, अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस, शारीरिक विकास में बाधा जैसी समस्याएं आ रही हैं.