अमेरिकी सरकार की एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) द्वारा पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव वाले स्टार्ट-अप एएसएआर के सहयोग से यह अध्ययन किया गया है. अध्ययन में पाया गया कि ग़रीब परिवारों के लिए एलपीजी सिलेंडर को फिर से भरने की कीमत इसके उपयोग में एक बड़ी बाधा है.
वीडियो: टमाटर के भाव 140 रुपये तक चले गए हैं, वहीं रसोई गैस के दाम 1100 रुपये के ऊपर पहुंच गया है. साल 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से महंगाई पर लगाम लगाने का वादा किया था. इस वादे को लेकर द वायर की टीम ने दिल्ली की जनता से राय जानी.
घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में जुलाई 2022 के बाद बढ़ोतरी की गई है. एक मार्च को दिल्ली में घरेलू एलपीजी सिलेंडर 1,103 रुपये, मुंबई में 1,102.50 रुपये, कोलकाता में 1,129 रुपये और चेन्नई में 1,118.50 रुपये का हो गया है.
भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि देश हर रोज़ ईंधन के दामों में भारी वृद्धि देख रहा है. भारत में जनता से अधिकाधिक पैसे लेकर चंद उद्योगपतियों को दिए जा रहे हैं. सच्चाई यही है कि भाजपा द्वारा फैलाई जा रही हिंसा और नफ़रत इन बातों से ध्यान भटकाने के लिए है.
घरेलू गैस के दामों में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ युवा कांग्रेस ने दिल्ली स्थित केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के आवास के पास प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 585 रुपये की बढ़ोतरी की है और सब्सिडी भी पूरी तरह ख़त्म कर दी है.
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर के दाम में वृद्धि को लेकर आरोप लगाया कि केंद्र वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है और दाम बढ़ा रहा है. वहीं, तेलंगाना राष्ट्र समिति की नेता के. कविता ने कहा कि मोदी सरकार के कार्य और फैसले उनकी आम जनता के प्रति असंवेदनशीलता को दिखाते हैं.
नींबू की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र में पुणे के थोक बाज़ार में एक नींबू की कीमत 5 रुपये है और खुदरा बाज़ार में इसकी कीमत 10-12 रुपये प्रति पीस है. दिल्ली में नींबू के भाव 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो के बीच हैं. आलू, प्याज़ और टमाटर जैसी रोज़मर्रा की सब्ज़ियों की दामों में भी वृद्धि हुई है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 19 किलोग्राम का कॉमर्शियल सिलेंडर 2,253 रुपये का मिलेगा. साथ ही, विमान ईंधन (एटीएफ) की क़ीमत राष्ट्रीय राजधानी में 2,258.54 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ाई गई हैं.
वीडियो: देश में रसोई गैस की कीमतें 1000 रुपये के पार पहुंच गई हैं. संकटग्रस्त परिवारों का कहना है कि बढ़ती कीमतों के संकट के बीच वे अपने वाहनों में पेट्रोल या डीजल डाले बिना तो रह सकते हैं, लेकिन एलपीजी सिलेंडर के बिना कैसे रह सकते हैं.
दो महीनों से कम समय में रसोई गैस की क़ीमत में यह चौथी वृद्धि है. जुलाई से अब तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के दाम में कुल 90 रुपये बढ़ाए गए हैं. इसके अलावा लगभग तीन हफ्ते के ठहराव के बाद ईंधन की क़ीमतों में सातवीं बार हुई वृद्धि के साथ देश के ज़्यादातर बड़े शहरों में पेट्रोल सौ रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है.
घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है. एक मार्च 2014 को घरेलू गैस का खुदरा मूल्य 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की जो कीमतें हैं, वह साल 2014 की तुलना में बहुत अधिक थीं. फ़िर भी कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में कीमतों को बहुत कम रखा था. भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने मांग
रसोई गैस के दाम बीते नौ महीने में 265 रुपये बढ़े हैं. कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार हर महीने रसोई गैस के दाम बढ़ाकर ‘उगाही योजना’ चला रही है. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज़ किया कि भाजपा सरकार को उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए.