राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र के साथ अपनी एक रिपोर्ट भी भेजी है, जिसमें दावा किया गया है कि मदरसे बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ़्तिख़ार अहमद जावेद ने राज्य सरकार के सर्वे में ग़ैर-मान्यता प्राप्त पाए गए 8,449 मदरसों को मान्यता प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इनमें पढ़ने वाले 90-95 प्रतिशत छात्र पसमांदा समुदाय के हैं, जिसके कल्याण की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि राज्य पुलिस मदरसा शिक्षा को युक्तिसंगत बनाने के लिए मुस्लिमों के साथ काम कर रही है. पुलिस शिक्षा के प्रति सकारात्मक रुख़ रखने वाले कुछ बंगाली मुस्लिमों के साथ भी समन्वय कर रही है. मदरसों में विज्ञान और गणित की शिक्षा दी जाएगी और शिक्षकों का एक डेटाबेस रखा जाएगा.
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि अब प्रदेश के किसी भी अन्य मदरसे को अनुदान सूची में शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन जिन मदरसों को वर्तमान में सरकारी अनुदान प्राप्त हो रहा है उन्हें यह मिलता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम मौजूदा मदरसों की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में मदरसों में राष्ट्रगान गायन अनिवार्य कर दिए जाने के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के क़दम पर विचार किया जा सकता है. उनके अलावा मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ‘जन गण मन’ का पाठ किया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने बताया कि बीते नौ मई को सभी ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया. आदेश में कहा है कि नए शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया है.