अतीत में होना और व्यतीत न होना

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: साहित्य और कलाओं में, तत्वचिंतन और सौंदर्यदर्शन में, भाषा-विचार आदि अनेक क्षेत्रों में ‘अगले वक़्तों के लोग’ जो कर गए हैं उस तक हमारा पहुंचना असंभव है. हमने शायद उस अपार संपदा में क्षमता भर कुछ ज़रूर जोड़ा है, फिर भी उनकी ऊंचाइयों को छू पाना हमारे बस की बात नहीं रही है.

महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले अभिनेता गूफी पेंटल का निधन

एक अभिनेता होने के अलावा गूफी पेंटल ने कुछ टीवी शो और एक फिल्म का निर्देशन भी किया था. बीआर फिल्म्स के साथ वह एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर के रूप में भी काम कर चुके थे.

एथलीट और ‘महाभारत’ में भीम का किरदार निभाने वाले अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती का निधन

प्रवीण कुमार सोबती 20 साल की उम्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में भर्ती हुए थे, जहां पहली बार उनके एथलेटिक कौशल के लिए उनकी सराहना की गई. इसके बाद उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिताओं में हैमर थ्रो और डिस्कस थ्रो स्पर्धा में देश का प्रतिनिधित्व किया और एशियाई खेलों में चार पदक भी जीते. प्रवीण ने 1966 और 1970 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.

रामायण के समय था उड़न खटोला, अर्जुन के तीरों में थी परमाणु शक्ति: पश्चिम बंगाल राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कोलकाता में विज्ञान मेले के उद्घाटन के मौके पर कहा कि महाभारत में संजय ने पूरा युद्ध धृतराष्ट्र को सुनाया, लेकिन टीवी देखकर नहीं क्योंकि उनके पास दिव्यदृष्टि जैसी कोई शक्ति थी.

क्यों भारतीय विज्ञान कांग्रेस को भारतीय पुराण कांग्रेस में तब्दील कर दिया गया है?

इससे पहले कि ये छद्म आयोजन इतने बड़े हो जाएं कि देश के तौर पर हमारी भविष्य यात्राओं के मुंह भूत की ओर घुमा दिए जाएं और हमें वहां ले जाकर खड़ा कर दिया जाए, जब हमारे पुरखों ने लज्जा ढकने के लिए आगे-पीछे पत्ते लपेटना भी नहीं सीखा था, हमें होश संभालकर सचेत हो जाने की ज़रूरत है.

साइंस कांग्रेस में आंध्र यूनिवर्सिटी के वीसी: कौरव थे टेस्ट ट्यूब बेबी, रावण के थे हवाई अड्डे

जालंधर में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति जी. नागेश्वर राव ने कहा कि विज्ञान और तकनीक भारत के लिए कोई नई बात नहीं हैं, यह बहुत पहले से देश में मौजूद थीं. भगवान राम ने ऐसे अस्त्रों का इस्तेमाल किया था जो लक्ष्य का पीछा कर उसे भेदने के बाद वापस आ जाते थे, जैसा गाइडेड मिसाइल में होता है.

मालूम नहीं क्यों अगस्त के ढलते पखवाड़े में धृतराष्ट्र आलिंगन की याद आ गई

धृतराष्ट्र आलिंगन लोकबुद्धि के सबसे दिलचस्प शब्दों में से एक है. शक्तिशाली जब सम्मुख हो तो उसके प्रत्येक प्रस्ताव की ठीक से जांच किए बिना उसे ग्रहण करना ख़ुद को जोख़िम में डालना है.

‘देवबंद को सिर्फ इस्लामिक स्कूल के नाम से क्यों पहचाना जाना चाहिए?’

भाजपा विधायक बृजेश सिंह का दावा है कि महाभारत काल में देवबंद का नाम देववृंद था और यह देवों की भूमि है. उनके अनुसार महाभारत काल में पांडव देश-निकाला के समय यहीं रुके थे.