बीते वर्ष अक्टूबर में बॉम्बे हाईकोर्ट ने माओवादियों से संबंध मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा समेत छह लोगों को बरी करते हुए कहा था कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कथित ख़तरे’ के नाम पर क़ानून की उचित प्रक्रिया को ताक़ पर नहीं रखा जा सकता.
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा द वायर को दिए एक साक्षात्कार में 'पुलवामा हमले को सरकारी ग़लती का नतीजा' बताने वाले बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि वैसे तो देश में कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इनकी सच्चाई सामने नहीं आई.
नवी मुंबई के खारघर में बीते रविवार को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह का आयोजन हुआ था, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे. बताया गया है कि कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के दूरदराज के इलाकों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के लाखों लोगों को लाया गया था, जो छह घंटे से ज़्यादा समय तक सीधे धूप में बैठे रहे.
दलित ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स नेटवर्क ने सात राज्यों में जाति आधारित 'ऑनर किलिंग' के मामलों का अध्ययन किया और पाया कि किसी विशेष क़ानून के अभाव में इस अपराध की वास्तविक स्थिति पता लगाना असंभव है.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के रहने वाले रैपर राज मुंगासे के गाने में बिना नाम लिए महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा गया है, वहीं मुंबई के रैपर उमेश खाडे ने अपने गाने में व्यक्तिगत लाभ के लिए ग़रीबी से पीड़ित लोगों की अनदेखी करने के लिए राजनेताओं की आलोचना की है.
बीते 28 मार्च की रात महाराष्ट्र के जलगांव ज़िले के पालधी में एक मस्जिद के सामने डीजे के साथ धार्मिक जुलूस निकाले जाने के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. इस मामले में 56 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, बिहार, गुजरात राज्यों से दो समुदायों के बीच झड़प की खबरें आई हैं. महाराष्ट्र के संभाजीनगर, पश्चिम बंगाल के डलखोला और कर्नाटक के हासन में सांप्रदायिक टकराव में लोगों की जान गंवाने की भी सूचनाएं आई हैं.
वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की आरोपमुक्ति की अपील बॉम्बे हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी, जिसे चुनौती देते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख़ किया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में दख़ल देने से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में केरल के एक पत्रकार ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र पुलिस के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की मांग की है. उनका आरोप है कि अदालत के निर्देश के बावजूद कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों में भड़काऊ और नफ़रत भरे भाषणों को रोकने के लिए उसने कोई कार्रवाई नहीं की.
पुलिस के अनुसार, घटना तब हुई जब जलगांव से नासिक ज़िले के वाणी तक निकाला गया एक धार्मिक जुलूस पालधी गांव से गुज़रा. इस संबंध में दो एफ़आईआर दर्ज की गई है, इसमें हिंदू समुदाय के 9 और मुस्लिम समुदाय से 63 लोगों को नामज़द किया गया है. वहीं, 45 लोग गिरफ़्तार किए गए हैं.
वीडियो: बीते दिनों महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने विधानसभा में कहा था कि राज्य में 'लव जिहाद' के एक लाख से ज़्यादा केस हैं. अब सरकार द्वारा गठित समिति ने कहा है कि उनके सामने कथित 'लव जिहाद' का एक भी मामला नहीं आया है.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना क़ानून, 1946 के अनुसार, सीबीआई को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की ज़रूरत होती है. अब तक छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिज़ोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने एजेंसी को दी गई आम सहमति वापस ली है.
साल 2008 में नासिक ज़िले के मालेगांव में हुए बम धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और सौ से अधिक घायल हुए थे. इस मामले की सुनवाई एक विशेष एनआईए अदालत में चल रही है, जहां अब तक अभियोजन पक्ष के 30 गवाह अपने बयान से पलट चुके हैं. भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर मामले के आरोपियों में से एक हैं.
राष्ट्रीय सांख्यिकी सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा किए एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताती है कि अधिकांश राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में मज़दूरी में लैंगिक अंतर बढ़ गया है. दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में पिछले एक दशक में इस अंतर को कम होते देखा गया है.
वीडियो: महाराष्ट्र में नवंबर 2022 से नफरती रैलियों का एक दौर चला. ये रैलियां सकल हिंदू समाज के द्वारा आयोजित की जाती हैं और इस दौरान कथित लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दे उठाए जाते हैं. महाराष्ट्र के 36 ज़िलों में ऐसी तक़रीबन 100 से ज़्यादा रैलियां पिछले 5-5 महीनो में देखने मिली है.