पिछले डेढ़ साल से प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र प्रदर्शन के लिए क्यों मजबूर हैं

सिविल सेवा और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी का गढ़ माने जाने वाले दिल्ली के मुखर्जी नगर में छात्र प्रदर्शन के साथ क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. इनकी मुख्य मांग है कि इन्हें सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका दिया जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफ़नामा दाख़िल कर कहा है कि ऐसा करना संभव नहीं है.

नेता आपको कलेक्टर नहीं, दंगाई बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं

आयोगों ने नौजवानों की ज़िंदगी बर्बाद कर दी है. शायद ही किसी राज्य में परीक्षा का कैलेंडर होगा.परीक्षा भी इस तरह से आयोजित होती है कि कोई न कोई विवाद हो जाता है. इनका काम नौकरी देना नहीं बल्कि नौकरी देने के नाम पर नौजवानों को तैयारी में व्यस्त रखना है.