भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की संसद में पेश की गई वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच की एक ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि ट्रेन के पटरी से उतरने के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक ‘पटरियों के रखरखाव’ से संबंधित है. वहीं, ट्रैक नवीनीकरण कार्यों के लिए धन के आवंटन में कमी आई है और आवंटित धन का भी पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया है.