आतंकी मसूद अज़हर को भारत ने 1999 में आतंकवादियों द्वारा अपहृत किए गए इंडियन एअरलाइंस के विमान आईसी-814 के यात्रियों को मुक्त कराने के बदले रिहा किया था. रिहाई के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन बनाया और भारत में कई आतंकी हमले कराए. पुलवामा हमले की ज़िम्मेदारी भी इसी संगठन ने ली थी.
हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसकी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना के नौ सैनिकों की मौत हुई है.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आत्मघाती हमले के बाद 27 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई संघर्ष हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान का एफ-16 लड़ाकू विमान मार गिराने का दावा किया था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के जिस प्रशिक्षण शिविर को हवाई हमले में निशाना बनाने का दावा किया है वहां की अप्रैल 2018 में ली गई सेटेलाइट तस्वीर और 4 मार्च 2019 की सेटेलाइट तस्वीर में कोई भी अंतर नहीं दिख रहा है.
सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान मसूद अज़हर के खिलाफ कदम उठाएगा अगर उसके खिलाफ अदालत के सामने रखे जाने लायक सबूत पेश किए जाएं.
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने कहा कि बालाकोट में जो भी हुआ उसे पर्यावरणीय आतंकवाद ही कहा जाएगा. एयर स्ट्राइक की वजह से उस इलाके में दर्जनों पेड़ों को नुकसान पहुंचा है और गंभीर पर्यावरणीय क्षति हुई है.
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया गया. एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराया गया. पाकिस्तान ने दो भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया.
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के आधिकारिक बयान में कहा गया कि बुधवार को पाकिस्तानी वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में रहते हुए नियंत्रण रेखा के पार हमला किया जिसका मक़सद अपने हक़ और आत्मरक्षा की क्षमता को दिखाना था.
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा ने कहा कि यह हमला कोई सैन्य कार्रवाई नहीं था बल्कि ऐहतियातन उठाया गया कदम था, जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. इस आतंकी शिविर का चयन यह ध्यान में रखते हुए किया गया था कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.