कार्यस्थल पर उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों को रिपोर्ट करने में महिलाओं की सहायता के लिए केरल फिल्म कर्मचारी संघ द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन के विरोध में केरल फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स का कहना है कि संघ के पास इस तरह का हेल्पलाइन नंबर जारी करने का क़ानूनी अधिकार नहीं है.
केरल हाईकोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाकर्मियों की स्थिति पर जस्टिस हेमा समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट पर चार साल तक कुछ न करने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई और पुलिस को निर्देश दिया कि वह पूरी रिपोर्ट को देखे और अगर कोई अपराध मिले है तो कार्रवाई करे.
मलयालम सिने जगत में महिलाओं की दशा पर जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु में फिल्म, टेलीविजन और थियेटर कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ नादिगर संगम ने तमिल फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाया है.
मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद तमिल अभिनेत्री राधिका सरथकुमार ने कहा है कि शीर्ष अभिनेताओं को रिपोर्ट पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और उन महिला कलाकारों के साथ एकजुटता व्यक्त करनी चाहिए, जिनके साथ उद्योग में ग़लत व्यवहार हुआ है.
तेलुगु फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए अप्रैल 2019 में तेलंगाना सरकार द्वारा गठित एक उप-समिति ने जून 2022 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. केसीआर सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था. अब हेमा समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद इसे सार्वजनिक करने की मांग हो रही है.
2017 में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद केरल सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की समस्याओं पर गौर करने के लिए हेमा समिति का गठन किया था. अब इसकी रिपोर्ट में 'कास्टिंग काउच' की एक घटना की भी पुष्टि भी की गई है.
वर्ष 2017 में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की समस्याओं, सुरक्षा, वेतन और काम करने की स्थितियों तथा अन्य मुद्दों पर प्रकाश डालने के लिए एक समिति का गठन किया था. समिति ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी.