क्यों कुपोषण के ख़िलाफ़ लड़ रहे ग्रोथ मॉनिटर्स अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं?

कुपोषण के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश का श्योपुर राज्य का एकमात्र जिला है, जहां कुपोषण पर काबू पाने के लिए पुरुष ग्रोथ मॉनिटर्स नियुक्त किए गए हैं. लेकिन कुपोषित बच्चों के पोषण ज़िम्मेदारी संभाल रहे इन ग्रोथ मॉनिटर्स के लिए अपना भरण-पोषण ही मुश्किल हो रहा है.

क्यों कुपोषण से प्रभावित श्योपुर में बच्चों को पोषण केंद्रों में ले जाने से कतरा रहे हैं परिजन?

ग्राउंड रिपोर्ट: ‘भारत का इथोपिया’ कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के श्योपुर में एक ओर मासूम कुपोषण से दम तोड़ रहे हैं तो दूसरी ओर उन्हें पोषण और इलाज उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र ख़ाली पड़े हैं. केंद्रों पर बच्चों को पहुंचाने की ज़िम्मेदारी निभा रहे ग्रोथ मॉनिटर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ग्रामीण इन केंद्रों में आना ही नहीं चाहते.

मध्य प्रदेश में कुपोषण से हर दिन 92 बच्चों की मौत: राज्य सरकार

मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में जनवरी 2016 से जनवरी 2018 के बीच करीब 57,000 बच्चों ने कुपोषण के चलते दम तोड़ दिया.

पौराणिक काल में दो मामा कंस और शकुनि थे, वर्तमान में एक ‘मामा’ मध्य प्रदेश में हैं: कांग्रेस

कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश में बलात्कार, कुपोषण, बाल मृत्यु दर, किसान आत्महत्या और भ्रष्टाचार में बढ़ोत्तरी से संबंधित आंकड़े पेश करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.