भाजपा धर्म व आस्था के नाम पर बनी समाज की जिन दरारों को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने में कामयाब हुई है, उसके ख़िलाफ़ मजबूत चुनौती पेश करना, एक लंबे संघर्ष की मांग करता है. क्या विपक्ष के सभी बड़े-छोटे दल उस ख़तरे के बारे में पूरी तरह सचेत हैं? क्या वे समझते हैं कि यह महज़ चुनावी मामला नहीं है?
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के दौरान स्थानीय लोगों और स्थानीय भाषा जानने वालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. एसडीओ और बीडीओ बांग्ला में लिखे पत्रों को पढ़ने या जवाब देने में असमर्थ हैं इसलिए स्थानीय भाषा का ज्ञान ज़रूरी है.
बीते कुछ दिनों से भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था और सीमा सुरक्षा के क्षेत्र में विफल रही है. महंगाई पर स्वामी के एक ट्वीट पर एक उपयोगकर्ता ने कहा था कि यह पूरी तरह से ‘मोदीनॉमिक्स’ है. इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि या ये ‘मोदीकॉमिक्स’ है, क्योंकि वह अर्थशास्त्र नहीं जानते हैं.
किसान आंदोलन इसका जीवित प्रमाण है कि यदि लक्ष्य की स्पष्टता हो तो विचार भिन्नता के बावजूद संयुक्त संघर्ष किया जा सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक लंबे अरसे बाद संयुक्त संघर्ष की नीति को व्यावहारिकता में साबित करके दिखाया है.
तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का विभिन्न किसान नेताओं और राजनीतिक नेताओं ने स्वागत किया है. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में क़ानून को निरस्त होने के बाद ही वे आंदोलन वापस लेंगे. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करते हुए पूछा कि क़ानूनों के चलते सैकड़ों लोगों की जान जाने की ज़िम्मेदारी कौन लेगा.
पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जहां विधानसभा में बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाना देश के संघीय ढांचे के खिलाफ़ है क्योंकि क़ानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है.
भाजपा की ओर से निवार्चन आयोग को दिए ख़र्च के ब्योरे के मुताबिक़, पार्टी ने असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल में हुए विधानसभा चुनावों के प्रचार में 2,52,02,71,753 रुपये ख़र्च किए. इनमें से सर्वाधिक 151 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में इस्तेमाल किए गए.
गोवा के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस के फ़ैसले न लेने के कारण देश को भुगतना पड़ रहा है. भाजपारूढ़ गोवा में टीएमसी ने आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. ममता ने कांग्रेस की आलोचना ऐसे वक़्त में की है जब राहुल गांधी भी इस तटीय राज्य में अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने पहुंचे हैं.
त्रिपुरा के भाजपा विधायक आशीष दास ने कहा कि ममता बनर्जी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए विपक्ष का चेहरा बन गई हैं. उन्होंने कहा कि एक समय था जब प्रधानमंत्री ने कहा था ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा, देश नहीं बिकने दूंगा’, लेकिन आज देश के लोग देख रहे हैं कि कैसे सभी राष्ट्रीय संस्थानों को निजी कंपनियों को बेचा जा रहा है.
बीते मई महीने में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम में विश्व शांति सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. बनर्जी इस कार्यक्रम में आमंत्रित एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि हैं. विदेश मंत्रालय ने यह कहते हुए उन्हें रोम जाने की मंज़ूरी नहीं दी कि यह कार्यक्रम किसी राज्य के मुख्यमंत्री के शामिल होने के दर्जे के अनुरूप नहीं है.
पश्चिम बंगाल भाजपा में अंदरूनी मतभेद और नेताओं के पाला बदलकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जाने की पृष्ठभूमि के बीच पार्टी ने दिलीप घोष की जगह बालुरघाट सीट से सांसद सुकांता मजूमदार को अध्यक्ष बनाया है. दिलीप घोष को भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. घोष के अलावा उत्तराखंड के राज्यपाल पद से हटाई गईं बेबी रानी मौर्य को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद पूर्व भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अगस्त महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा नहीं देने के लिए मना लिया गया था. सुप्रियो ने ज़ोर देकर कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को ही उनकी सुरक्षा श्रेणी को ‘जे़ड’ से घटाकर ‘वाई’ कर
इस साल जून में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मुकुल रॉय वापस टीएमसी में लौट गए थे. इसके अलावा हालिया चुनाव में भाजपा के टिकट पर बांकुरा ज़िले की बिष्णुपुर सीट से जीतने वाले तन्मय घोष बीते 30 अगस्त को और उत्तर 24 परगना ज़िले के बागदा से भाजपा विधायक बिस्वजीत दास बीते 31 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
निर्वाचन आयोग ने ओडिशा में एक और पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने की शनिवार को घोषणा की. इनमें पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट भी शामिल है, जहां से मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के चुनाव लड़ने की संभावना है.