कर्नाटक के मंगलुरु स्थित मंगलादेवी मंदिर में मुस्लिम विक्रेताओं का बहिष्कार करने और हिंदू विक्रेताओं द्वारा संचालित दुकानों पर भगवा झंडे लगाने के लिए पुलिस ने बीते गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संयुक्त सचिव के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
कर्नाटक के मंगलुरु स्थित काद्री श्री मंजूनाथ मंदिर मेले में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा लगाए गए बैनर में पिछले साल हुए कुकर विस्फोट का उल्लेख करते हुए लिखा था कि ऐसी मानसिकता वाले और मूर्ति पूजा का विरोध करने वाले लोग पूजा स्थल के पास मेले के दौरान व्यवसाय नहीं कर सकते. केवल हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले व्यापारियों को ही व्यवसाय जारी रखने की अनुमति दी जाएगी.
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में हिंदुत्ववादी संगठन के सदस्य पार्टी करने वाले छात्रों को गालियां देते हुए दिख रहे हैं. पार्टी में बाधा डालने के पीछे बजरंग दल का तर्क था कि इससे 'भारतीय संस्कृति का उल्लंघन' हो रहा था. उधर, पुलिस का कहना है कि पब पर हमला नहीं हुआ, बजरंग दल कार्यकर्ता केवल यह पूछताछ करने गए थे कि नाबालिगों को शराब तो नहीं परोसी जा रही है.
कर्नाटक के मंगलरु में 19 जुलाई को कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल के कुछ सदस्यों ने एक मुस्लिम युवक पर हमला कर दिया था. हिंदुत्ववादी समूह के एक सदस्य को मुस्लिम युवक द्वारा गाय पालने से आपत्ति थी. हमले के बाद युवक को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दो दिन बाद दम तोड़ दिया.
कर्नाटक के मंगलुरु शहर के बाहर कुडुपू स्थित अनंत पद्मनाभ मंदिर का मामला. मंदिर प्रशासन ने सबसे कम बोली लगाने वाले मुस्लिम ठेकेदार को मंदिर में विभिन्न सेवाओं और कार्यक्रमों के लिए नियमित आधार पर केले की आपूर्ति करने का ठेका दिया था. दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
कर्नाटक के मंगलुरु स्थित कॉलेज में हिजाब पर रोक का विरोध करने वाली दो मुस्लिम छात्राओं को अन्य कॉलेज में नामांकन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) दिया गया है, जबकि एक को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया गया है. तीन छात्राओं में से दो ने प्रेस वार्ता कर विश्वविद्यालय परिसर में यूनिफॉर्म नियम को सख़्ती से लागू करने के फैसले पर सवाल उठाया था.
कर्नाटक हाईकोर्ट एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ लंबित मामले को ख़ारिज कर दिया, क्योंकि यह पाया गया कि कथित दुर्व्यवहार एक इमारत के तहखाने में किया गया था, जहां सिर्फ़ पीड़ित और उसके सहकर्मी ही मौजूद थे. कथित घटना वर्ष 2020 में हुई थी.
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की बीते 28 मई को मांग करने वाली 12 छात्राएं फिर से सोमवार को भी यूनिवर्सिटी कॉलेज आईं, लेकिन अधिकारियों ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी. ज़िले के उपायुक्त ने कहा कि विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने हिजाब या भगवा स्कार्फ या ऐसा कोई कपड़ा जो शांति भंग कर सकता हो, उसकी अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.
कर्नाटक के बागलकोट ज़िले के टेराडल स्थित सरकारी डिग्री कॉलेज का मामला. घटना इसी साल 18 फरवरी की है. 19 वर्षीय छात्र नवीद हसन साब थरथारी ने आरोप लगाया है कि वह टोपी पहनकर कॉलेज गए थे, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया. पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी आस्था को लेकर उनका अपमान किया. इस मामले में एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर केस दर्ज किया गया है.
हिजाब का मुद्दा फिर से सामने आने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जोर देकर कहा है कि सभी को हाईकोर्ट और सरकार के आदेशों का पालन करना चाहिए. इस मुद्दे के ख़त्म हो जाने का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से ऐसे मुद्दों में पड़ने के बजाय शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को कहा.
कर्नाटक के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता कल्लडका प्रभाकर भट्ट ने मेंगलुरु के बाहरी इलाके कुट्टर में विश्व हिंदू परिषद की कर्णिका कोरगज्जा धर्मस्थल द्वारा हिंदू एकता के लिए आयोजित विशाल पदयात्रा के दौरान कहा कि अगर हिंदू समाज एक साथ आता है तो ऐसा हो सकता है.
यह मामला मंगलुरु के दयानंद पई सतीश पई गवर्मेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज का है. बीते तीन मार्च को हिबा शेख़ सहित उनकी साथी छात्राओं को कॉलेज के गेट पर एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच हिजाब को लेकर विवाद हुआ था. इस संबंध में हिबा ने 19 छात्रों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है. अपने ख़िलाफ़ एफ़आईआर पर उन्होंने कहा कि उन्हें फ़ंसाया गया है.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज कर्नाटक, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस, ऑल इडिया पीपुल्स फोरम और गौरीलंकेश न्यूज़ डॉट कॉम ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने सांप्रदायिक तनाव के 71 मामलों की पहचान की है. ये सभी मामले जनवरी 2021 से अगस्त तक के हैं.
कर्नाटक के मंगलुरु शहर का मामला. विश्व हिंदू परिषद के एक नेता ने कहा कि हम पार्क के नामकरण के ख़िलाफ़ नहीं हैं, वो इसका नाम ऑस्कर फर्नांडीस या जॉर्ज फर्नांडीस या सेंट एलॉयसियस कॉलेज के संस्थापक के नाम पर रख सकते हैं, लेकिन स्टेन स्वामी के नाम पर नहीं. वैसे तो उनकी मौत हो चुकी है, लेकिन उन पर लगे आरोपों को ख़ारिज नहीं किया गया है.
इसी तरह के एक अन्य मामले में कर्नाटक के शिवमोगा में मुस्लिम युवती को अपने दोपहिया वाहन से उसके ऑफिस छोड़ने के लिए एक हिंदू युवक से दुर्व्यवहार के आरोप में दो मुस्लिम युवकों को गिरफ़्तार किया गया है.