‘हमारा समाज ही नहीं चाहता है कि डोम अपना काम छोड़ें’ 

साक्षात्कार: मौत के साथ जीवन बिताने वाले वाराणसी के डोम समुदाय के लोगों पर पत्रकार राधिका अयंगर ने ‘फायर ऑन गैंजेस: लाइफ अमंग द डेड इन बनारस’ नाम की किताब लिखी है. उनका कहना है कि वे लोग भी जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं पर मुश्किलें ऐसी हैं कि उनकी ज़िंदगी अगले पहर की रोटी के संघर्ष में ही गुज़र रही है.

हिंदुत्ववादी संगठनों ने वाराणसी के घाटों पर पोस्टर लगाकर ग़ैर-हिंदुओं को न आने की चेतावनी दी

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विभिन्न घाटों पर इन पोस्टरों को देखा जा सकता है, जिसमें पंचगंगा घाट, राम घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट शामिल हैं. पोस्टरों पर यह भी लिखा है कि ‘यह निवेदन नहीं, चेतावनी है.’

वाराणसी के ‘डोम राजा’ जगदीश चौधरी का निधन

वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी ने जब साल 2019 के चुनाव में अपना नामांकन पत्र भरा था, तब जगदीश चौधरी उनके प्रस्तावकों में से एक थे. हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार के दौरान डोम बिरादरी की प्रमुख भूमिका होती है. इस बिरादरी के मुखिया को ‘डोम राजा’ कहा बुलाया जाता है.