ग्यारह महीनों से जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में कुकी नेशनल असेंबली ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर भारत में पीड़ा सहना हमारा अधिकार माना जा रहा है, तो हम संसदीय चुनावों में भाग न लेने का विकल्प चुनते हैं. इससे पहले भी कई कुकी-ज़ो समूहों ने लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान कर चुके हैं.
मणिपुर के तेंगनौपाल और काकचिंग ज़िलों के आसपास दो सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए. वहीं, एक अन्य घटना में कुछ लोगों ने पल्लेल के पास एक आरा मशीन में आग लगा दी. राज्य में दो संसदीय सीटों के लिए दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होना है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने विधानसभा में बताया है कि पिछले साल मई से राज्य में हिंसा से संबंधित लापता व्यक्तियों के 63 मामले दर्ज किए गए हैं. उनमें से 26 लापता व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया, नौ लोग जीवित पाए गए और 28 लोग अब भी लापता हैं.
राज्य में मेईतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच चल रहे जातीय संघर्ष की पृष्ठभूमि में मणिपुर स्थानों का नाम विधेयक, 2024 को विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिसके तहत स्थानों का नाम बदलने पर तीन साल तक की जेल की सज़ा और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इंफाल पूर्वी ज़िले में यह घटना 27 फरवरी की शाम को हुई, जब एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को कथित तौर पर मेईतेई संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा उठा लिया गया था. राज्य में हालिया तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है और असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया है.
मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में राहत शिविरों में रहने वाले हज़ारों लोगों ने एक विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि 15 फरवरी की हुई ताज़ा हिंसा के बाद केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति किया गया राशन उन तक पहुंचना बंद हो गया है. राज्य सरकार ने कहा है कि हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने दो ट्रक जला दिए थे, जिनमें राहत सामग्री थी.
मणिपुर हाईकोर्ट की जस्टिस एमवी मुरलीधरन की एकल पीठ ने 27 मार्च 2023 को एक आदेश जारी कर मणिपुर की एन. बीरेन सरकार से राज्य की एसटी सूची में मेईतेई समुदाय को शामिल करने की सिफ़ारिश पर विचार करने के लिए कहा था. हाईकोर्ट ने अपने ताज़ा आदेश में इसमें संशोधन कर दिया है.
यह आह्वान कुकी समुदाय के एक हेड कॉन्स्टेबल को चुराचांदपुर एसपी द्वारा निलंबित किए जाने के मद्देनज़र किया गया है. कॉन्स्टेबल को बहाल करने की मांग को लेकर बीते 15 फरवरी को भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है. मणिपुर सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के काम बंद को ‘अवैध’ बताते हुए क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
कुकी समुदाय के एक हेड कॉन्स्टेबल को निलंबित किए जाने के बाद भीड़ ने चुराचांदपुर के एसपी और ज़िला कलेक्टर कार्यालय पर हमला किया, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई. कुकी-जो नागरिक समाज समूह आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा कि चुराचांदपुर एसपी ज़िले में हुई हिंसा की इस घटना के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार हैं.
बीते 30 जनवरी को इंफाल पश्चिम ज़िले में यह घटना कुकी-ज़ो प्रभुत्व वाले कांगपोकपी ज़िले की सीमा के क़रीब हुई. इस महीने मणिपुर में गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं में सीमावर्ती शहर मोरेह में तैनात दो मेईतेई पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 9 लोग मारे गए हैं. राज्य में मई 2023 में जातीय हिंसा भड़की थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पिछले महीने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक ही घटना में 13 लोगों की हत्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना को ‘ख़तरनाक और परेशान करने वाला’ बताया है. बीते 4 दिसंबर को म्यांमार सीमा के क़रीब मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले में भीषण गोलीबारी के बाद कम से कम 13 लोगों के शव मिले थे.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर पड़ रहे हिंसा के कुप्रभाव को लेकर धरना दिया. छात्रों ने राज्य और केंद्र पर कुकी और ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है.
मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मणिपुर में लूटे गए और अब तक गायब बड़ी संख्या में हथियार चिंता का एक बड़ा कारण है. अगर ये हथियार वापस नहीं आते हैं, तो ये गलत हाथों में हैं. उनमें से कई विद्रोहियों के पास जा सकते हैं. मणिपुर हिंसा छह महीने बाद भी लूटे गए हथियारों में केवल एक चौथाई हथियार और 5 प्रतिशत से भी कम गोला-बारूद बरामद हो पाए हैं.