द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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वीडियो: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. हालांकि मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है. अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है और अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद मराठा आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे-पाटिल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त कर दी. इससे पहले उन्होंने शनिवार सुबह तक उनकी मांगें पूरी न होने पर मुंबई की ओर मार्च करने की धमकी दी थी.
मराठा समुदाय के आर्थिक, सामाजिक पिछड़ेपन का अध्ययन करने के लिए गठित आयोग के नौ सदस्यों में से एक ने कहा कि सरकार आयोग से पूर्व-निर्धारित धारणा पर एक रिपोर्ट चाहती है कि मराठा पिछड़े हैं. यह एक स्वतंत्र आयोग है, जो डेटा और विश्लेषण के बाद ही निष्कर्ष देगा. सरकार किसी विशेष समुदाय को पिछड़े वर्ग में शामिल करने के लिए आयोग से डेटा देने के लिए कैसे कह सकती है?
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बीते 1 सितंबर को मराठा समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर जालना में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कर दिया गया था. इसमें शामिल तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को महाराष्ट्र सरकार ने निलंबित कर दिया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्य आंदोलनकारी से अपनी भूख हड़ताल ख़त्म करने की अपील की है.