वीडियो: नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी की रात हिंसा के शिकार छात्रों, प्रोफेसरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से विशाल जायसवाल की बातचीत.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने जेएनयू में हुए हमले पर कुलपति जगदीश कुमार की आलोचना की और आरोप लगाया कि ऐसे कठिन समय में वह अनुपस्थित थे और पूरी तरह विफल रहे.
वीडियो: बीते पांच जनवरी की रात कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू कैंपस में घुस आए और विभिन्न हॉस्टलों में तोड़फोड़ की. साथ ही उपद्रवियों ने छात्रों को बर्बर तरीके से पीटा. इस हिंसा में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत कुल 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पूरे घटनाक्रम पर शेखर तिवारी, धीरज मिश्रा, विशाल जायसवाल और अविचल दुबे की रिपोर्ट.
जेएनयू में हिंसा पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी से सहमति जताते हुए नोबल विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि जेएनयू के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह असहमतियों के लिए एक सुरक्षित स्थान था. जेएनयू को दुश्मन माने जाने की लंबी परंपरा है.
देश के आर्थिक आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बाद पिछले महीने केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन की अध्यक्षता में ये पैनल बनाया था, जिसका काम देश के विभिन्न क्षेत्रों के आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करना और इसकी विश्वसनीयता बहाल करना है.
जेएनयू हिंसा मामले में प्रशासन की शिकायत पर छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इन पर कथित तौर पर चार जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और सुरक्षा गार्डों पर हमला करने का आरोप है.
रविवार को देर शाम जेएनयू में बड़ी संख्या में बाहर से आए नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया. इस दौरान जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत कई छात्रों और शिक्षकों को गंभीर चोटें आईं.
जेएनयू परिसर में रविवार देर रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलानी पड़ी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वॉट्सऐप मैसेज इस ओर इशारा करते हैं कि जो लोग नकाब पहनकर जेएनयू कैंपस में घुसे थे वे एबीवीपी के नेता और कार्यकर्ता हो सकते हैं.
मध्य प्रदेश के सागर ज़िले के बगसपुर गांव का मामला. बीते 25 सितंबर को भी प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में खुले में शौच करने पर दो व्यक्तियों ने कथित तौर दो दलित बच्चों को पीट-पीटकर मार डाला था.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले का मामला. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया. घटना के बाद गांव में तनाव की वजह से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात.
इस विलय के बाद संख्या बल के हिसाब से राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 106 विधायक, भाजपा के 72, माकपा, आरएलपी व बीटीपी के दो-दो विधायक हो गए हैं. इसके अलावा 13 विधायक निर्दलीय हैं जबकि दो सीटें खाली हैं.
मीडिया में ख़बर आने के बाद हुआ बदलाव. अब तक उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 के अंतर्गत सभी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के आयकर का भुगतान राज्य सरकार के कोष से किया जाता था.
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध क़ानून 1981 जब बना था तब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस क़ानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है.
राजस्थान के उदयपुरवाटी से बसपा विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप कहा है कि पार्टी में पैसे लेकर टिकट दिया जाता है. कोई ज़्यादा पैसा दे देता है तो पहले का टिकट कट के दूसरे को मिल जाता है. तीसरा कोई ज्यादा पैसा दे दे, तो उन दोनों का टिकट कट जाता है.