मेधा पाटकर और वीके सक्सेना दो दशक पहले से एक-दूसरे के ख़िलाफ़ कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उस समय मेधा पाटकर ने ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ के विरोध में विज्ञापन छपवाने को लेकर वीके सक्सेना के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करवाया था.
मेधा पाटकर और वीके सक्सेना साल 2000 से ही एक-दूसरे के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. उस समय मेधा पाटकर ने उनके और 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' के ख़िलाफ़ विज्ञापन छपवाने के लिए उन पर केस किया था. वहीं, सक्सेना ने एक टीवी चैनल पर अपमानजनक टिप्पणी और मानहानिकारक बयान जारी करने के लिए पाटकर के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया था.
नागरिक अधिकार संगठनों के संगठित समूह ने एक हफ्ते तक डिजिटल जनता संसद में इस दौरान स्वास्थ्य सेवा का अधिकार, बिना आधार लिंक किए हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण और मूलभूत आय जैसी मांगें उठाईं. इस सत्र में कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
मेधा ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है ,वे ही संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में जनांदोलनों से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के बारे में विचार करूंगी.’
जिस नर्मदा पर बने बांध का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, उसी नदी में अपने पुनर्वास को लेकर मध्य प्रदेश के सैकड़ों लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक बांध परियोजना से विस्थापित होने वाले हज़ारों लोग इस नदी के किनारों की अपनी मूल बसाहटों में अब भी डटे हैं.
मध्य प्रदेश के मीडिया में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आए निसरपुर के विस्थापन का शोर 2004 के हरसूद जैसा नहीं है, जबकि चैनल और अख़बार पहले से कहीं ज़्यादा हैं.
सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में 12 दिन से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी थी मेधा पाटकर.
गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण विस्थापित होने वाले लोगों ने उचित मुआवज़ा और पुनर्वास स्थलों में सुविधाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.