जनता संसद: विपक्षी एकजुटता के लिए राजनीतिक दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा

नागरिक अधिकार संगठनों के संगठित समूह ने एक हफ्ते तक डिजिटल जनता संसद में इस दौरान स्वास्थ्य सेवा का अधिकार, बिना आधार लिंक किए हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण और मूलभूत आय जैसी मांगें उठाईं. इस सत्र में कार्यकर्ता मेधा पाटकर के साथ विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.

सरदार सरोवर: बढ़ता जलस्तर, ख़तरे में ज़िंदगियां

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.

चुनाव सुधारों की मांग को जनांदोलन बनाने का समय आ गया है: मेधा पाटकर

मेधा ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है ,वे ही संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में जनांदोलनों से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.

सरदार सरोवर बांध का लोकार्पण राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है: मेधा पाटकर

प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के बारे में विचार करूंगी.’

क्या मोदी को सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करते वक़्त विस्थापितों की याद आई होगी?

जिस नर्मदा पर बने बांध का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, उसी नदी में अपने पुनर्वास को लेकर मध्य प्रदेश के सैकड़ों लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं.

सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र से सिर्फ 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

सूत्रों के मुताबिक बांध परियोजना से विस्थापित होने वाले हज़ारों लोग इस नदी के किनारों की अपनी मूल बसाहटों में अब भी डटे हैं.

मेधा पाटकर का आंदोलन, अमित शाह का आगमन और लोकप्रिय मामा

मध्य प्रदेश के मीडिया में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आए निसरपुर के विस्थापन का शोर 2004 के हरसूद जैसा नहीं है, जबकि चैनल और अख़बार पहले से कहीं ज़्यादा हैं.

अनशन पर बैठीं मेधा पाटकर को पुलिस ने किया गिरफ्तार

सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए उचित पुनर्वास की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में 12 दिन से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी थी मेधा पाटकर.

उचित मुआवज़ा व पुनर्वास न मिलने पर बांध पीड़ितों का आंदोलन

गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण विस्थापित होने वाले लोगों ने उचित मुआवज़ा और पुनर्वास स्थलों में सुविधाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.