पाकिस्तान सरकार ने देश के मीडिया घरानों से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के भाषणों, बयानों, ट्वीट या तस्वीरों को प्रकाशित या प्रसारित करने से परहेज करने का आग्रह किया है. साथ ही वह यह सुनिश्चित कर रही है कि उनकी सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी रोक लगे.
लंबित विज्ञापनों बिलों के भुगतान की मांग के साथ 24 अप्रैल से सरकारी ख़बरों का बहिष्कार कर रहे एडिटर्स गिल्ड मणिपुर के एक सदस्य ने बताया कि मीडिया निकायों को अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. ऐसे में जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, बहिष्कार जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
15 अप्रैल को एडिटर्स गिल्ड मणिपुर, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन, मणिपुर हिल जर्नलिस्ट यूनियन और प्रकाशकों की संयुक्त बैठक में राज्य सरकार व मणिपुर भाजपा से शनिवार तक लंबित विज्ञापनों बिलों का भुगतान करने को कहा गया था लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया न मिलने के बाद बहिष्कार का फ़ैसला किया गया.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मीडिया घरानों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक अशांति की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा न बनने की अपील की है. गिल्ड ने कहा कि तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना किसी निष्कर्ष न पहुंचे क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.
त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में आठ सितंबर को हुई हिंसा में 10 से अधिक लोग घायल हो गए और छह वाहनों में आग लगा दी गई थी. यह हिंसा भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तीन मीडिया संस्थानों के दफ़्तरों और माकपा के तीन कार्यालयों पर हमले के बाद हुई.
चार बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे माकपा नेता माणिक सरकार ने कहा है कि राज्य में भाजपा सभी 'लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और अमन पसंद नागरिकों' पर हमले कर रही है. सरकार ने यह आरोप भी लगाया कि वाम मोर्चे के 16 विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जाने से रोका जा रहा है.
बुधवार को त्रिपुरा में भाजपा और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष के दौरान दो अख़बारों और दो टीवी चैनलों के दफ़्तरों में तोड़फोड़ की गई. तीन ज़िलों में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में हुई झड़पों में कम से कम दस घायल हो गए, दो पार्टी कार्यालय जल गए, कई अन्य में तोड़फोड़ की गई और छह वाहनों में आग लगा दी गई.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत कई रिपोर्ट की श्रृंखला में द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा बताया गया है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए पत्रकारों, नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कुछ सरकारी अधिकारी व कारोबारियों को संभावित टारगेट के तौर पर चुना गया था.
पेगासस प्रोजेक्ट: असम के दो बड़े नेताओं, एक मणिपुरी लेखक और प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के कई नेताओं के नंबर उस सूची में दर्ज हैं, जिनके फोन को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये हैक कर निगरानी करने की संभावना जताई जा रही है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेगासस स्पायवेयर विकसित करने वाले इज़रायल के एनएसओ ग्रुप ने अपने एक दस्तावेज़ में स्वीकार किया था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है. इसके ज़रिये ऐसी जानकारी भी निकाली जा सकती है जो किसी व्यक्ति को ठेस पहुंचाती हो और राष्ट्रीय सुरक्षा या क़ानून के पालन से न जुड़ी हो.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अगस्त में प्रिंट मीडिया की तरह ही डिजिटल मीडिया के माध्यम से समाचार या सूचनाएं अपलोडिंग या स्ट्रीमिंग के क्षेत्र में सरकारी मंज़ूरी मार्ग से 26 प्रतिशत एफडीआई निवेश की अनुमति दे दी थी.
निर्वाचन आयोग ने मीडिया संस्थानों को सख़्त निर्देश दिए हैं कि वो किसी भी चुनाव के नतीजों से जुड़ी ज्योतिषियों, टैरो कार्ड रीडर और पंडितों की भविष्यवाणी को प्रसारित न करें.
एंटी रोमियो दस्ते के किसी को प्रेम हो जाए तो प्रेम की तड़प में वे किसी पुराने कुर्ते की तरह चराचरा कर फट जाएंगे. दुआ करूंगा कि इस दस्ते को कभी किसी से प्यार न हो. प्रार्थना करूंगा कि उन्हें कम से कम किशोर कुमार के गाने सुनने की सहनशक्ति मिले.