किसी मामले में संदिग्ध व्यक्तियों की मीडिया के सामने परेड कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस मुद्दे पर ज़रूर सोचना चाहिए कि कैसे लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. आख़िरकार जब उन्हें निर्दोष ठहराया जाता है, तब तक काफ़ी समय बीत चुका होता है. यह उस व्यक्ति, उसके परिवार को नष्ट कर देता है, उसके सम्मान को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है.