क्या है हंटा वायरस, जिसने चीन में एक व्यक्ति की जान ले ली?

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल के अनुसार, हंटा वायरस नया नहीं है और इसका पहला मामला 1993 में आया था. यह चीज़ों को कुतरने वाले जीवों जैसे कि चूहे, गिलहरी इत्यादि से फैलता है.

‘कोरोना वायरस से रोज़गार पर मार, देश में अभी जंग से भी बदतर हालात’

वीडियो: कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रभाव पर अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

कोरोना वायरसः 21 दिनों के लॉकडाउन में कौन-सी सेवाएं चलती रहेंगी और क्या बंद रहेगा

कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की ​घोषणा की थी. इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई जारी रहेगी.

कोरोना वायरस: टोक्यो ओलंपिक खेल 2021 तक स्थगित

भारत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक को स्थगित करने के अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के फैसले का स्वागत किया. खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने कहा कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य के लिहाज से यह जरूरी था.

कोरोना वायरस: देश में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हुई, आज से पूरे देश में लॉकडाउन

तमिलनाडु में कोरोना वायरस से संक्रमित 54 साल के एक शख्स की बुधवार तड़के मौत हो गई. राज्य में कोरोना से मौत का यह पहला मामला है. इसके साथ ही देशभर में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 562 हो गई है.

लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर देखते ही गोली मारने के आदेश जारी हो सकते हैं: तेलंगाना मुख्यमंत्री

तेलंगाना सरकार ने विदेश से लौटने वाले लोगों को घर में रहने का आदेश नहीं मानने पर सख्त चेतावनी दी है. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि अगर ऐसे लोग सेल्फ क्वैरेंटाइन का पालन नहीं करते हैं तो उनके पासपोर्ट रद्द किए जा सकते हैं.

कोरोना वायरस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण चक्र तोड़ना ज़रूरी है और इसके लिए पूरे देश में लॉकडाउन ज़रूरी है.

कोरोना वायरस: देश में 10वीं मौत, 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में लॉकडाउन

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़कर तकरीबन 500 हुए. पूर्वोत्तर में संक्रमण का पहला मामला सामने आया. मणिपुर में 23 वर्षीय युवती को वायरस से संक्रमित पाया गया.

सरकार ने राज्यों से कहा: सुनिश्चित करें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का कामकाज जारी रहे

सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि टीवी चैनल और समाचार एजेंसियां प्रामाणिक सूचना पहुंचाने के बेहद आवश्यक माध्यम हैं. झूठी और फ़र्ज़ी ख़बरों से बचना होगा.

दिल्ली दंगों के बाद क्या थी दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी और उसने क्या किया?

दंगा प्रभावित लोगों के लिए आम जनता की तरफ से किए जा रहे सभी प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है. दंगे में अपना सब कुछ खो चुके निर्दोष लोगों को सरकार की तरफ से सम्मानजनक मदद मिलनी चाहिए थी न कि उन्हें समाज के दान पर निर्भर रहना पड़े.

अमेरिकी पत्रकार को वापस भेजने संबंधी प्रसार भारती की ख़बर को विदेश मंत्रालय ने ग़लत बताया

देश के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने ट्वीट कर कहा था कि विदेश मंत्रालय ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास से भारत विरोधी व्यवहार को लेकर वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशियाई डिप्टी ब्यूरो चीफ एरिक बेलमैन को तत्काल प्रभाव से वापस भेजने के एक अनुरोध को देखने के लिए कहा है. हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस ख़बर का खंडन किया है.

आर्थिक विकास के मॉडल से आर्थिक निराशा वाला कलहपूर्ण बहुसंख्यक देश बन रहा भारत: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा महात्मा गांधी के भारत पर एक धब्बा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर्फ कथनी से ही नहीं, बल्कि करनी से भी राष्ट्र को विश्वास दिलाना चाहिए.

दिल्ली दंगे की कवरेज पर दो मलयाली चैनलों पर लगाई गई 48 घंटे की पाबंदी, दोबारा प्रसारण शुरू

अपने अभूतपूर्व आदेशों में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केरल के दोनों चैनलों मीडिया वन और एशियानेट न्यूज टीवी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक समुदाय का पक्ष लेने और दिल्ली पुलिस और आरएसएस की आलोचना को कारण बताया था.

‘गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने गया तो पुलिस ने सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए भगा दिया’

दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है.

‘मुझे पहली बार अपने नाम की वजह से डर लगा’

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मुस्तफ़ाबाद इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता भी डर से अछूते नहीं थे. एक ऐसे ही कार्यकर्ता की आपबीती.

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