राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) में कथित विसंगतियों के आरोपों के बीच परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को ही जांच पैनल का प्रमुख नियुक्त किया है. इस निर्णय के बाद जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
नीट-यूजी परीक्षा परिणाम में विसंगतियों को लेकर दायर याचिका सुनते हुए सर्वोच्च अदालत ने फिलहाल नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया है. हालांकि, अदालत ने जोड़ा कि परीक्षा पर उठ रहे सवालों पर एनटीए को जवाब देना होगा.
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण पात्रता के लिए आठ लाख रुपये के मानक पर पुनर्विचार करेगी. कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से इसकी तुलना करते हुए कहा कि आप असमान को समान बना रहे हैं. अदालत ने यह भी कहा कि वह नीति निर्धारण में हस्तक्षेप नहीं कर रही है बल्कि यह निर्धारित करने का प्रयास कर रही है कि संवैधानिक मूल्यों का पालन हुआ या नहीं.
तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले की 17 वर्षीय छात्रा ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक, छात्रा को डर था कि वह डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए आयोजित ‘नीट’ परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाएगी. इससे पहले नीट के तनाव से 12 सितंबर को परीक्षा के कुछ घंटे पहले एक छात्र और 13 सितंबर को एक अन्य छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. नीट लागू होने के बाद से पिछले चार साल में तमिलनाडु में 17 छात्रों ने आत्महत्या की
सत्तारूढ़ डीएमके ने कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्य के मेडिकल कॉलेजों में बारहवीं में मिले अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा. जहां कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, पीएमके तथा अन्य दलों ने विधेयक का समर्थन किया, वहीं भाजपा ने इसका विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट किया.
छह राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट के 17 अगस्त के फ़ैसले पर पुनर्विचार की मांग करते हुए दावा किया था कि अदालत छात्रों की सुरक्षा और जीने के अधिकार की रक्षा में विफल रही है और उसने कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाओं के आयोजन में आने वाली परेशानियों को नज़रअंदाज़ किया है.
कोरोना वायरस की वजह से नीट और जेईई स्थगित करने से संबंधित एक याचिका सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर चुका है. इस बीच, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की जानकारी देते हुए कहा है कि छात्रों के करिअर का ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक रूप से निर्णय लिए जा रहे हैं.
वीडियो: मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (जेईई) की परिक्षाएं सितंबर में तय शेड्यूल के मुताबिक ही होंगी. सुप्रीम कोर्ट ने इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग वाली याचिका ख़ारिज कर दी. इस मुद्दे पर जामिया हमदर्द के वाइस चांसलर प्रो. ई. हसनैन से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
जेईई की परीक्षा एक से छह सितंबर के बीच और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है. विभिन्न राज्यों के 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि कोरोना के मद्देनज़र इन्हें रद्द किया जाना चाहिए. अदालत ने याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि ऐसा करने से छात्रों का करिअर संकट में पड़ जाएगा.