ओडिशा के क्योंझर ज़िले के आनंदपुर का मामला. आरोप है कि 37 वर्षीय महिला को बीते 20 जनवरी की सुबह एक पुलिस वैन से आनंदपुर अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी चिकित्सकीय जांच करने से इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि अपराध की घटना सलानिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के अंतर्गत हुई थी.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ट्रांसजेंडर पर्सन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) नियम 2020 में राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों और उनके हितों की सुरक्षा के लिए वेलफेयर बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गईं योजनाओं तक उनकी पहुंच बनने को कहा गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उन्हें ही वापस लाया जाएगा, जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे. कहा गया है कि विमान और पोत द्वारा यात्रा का प्रबंध किया जाएगा और इसका ख़र्च यात्रियों को वहन करना होगा.
घटना सूरत नगरपालिका द्वारा संचालित एक अस्पताल की है, जहां प्रशिक्षण अवधि के बाद मेडिकल टेस्ट करवाने आई महिला लिपिकों ने दुर्व्यवहार की शिकायत की है. महिलाओं के अनुसार उन्हें चेकअप के लिए एक साथ बुलाकर वॉर्ड में बिना कपड़ों के खड़ा रखा गया, साथ ही अविवाहित महिलाओं की भी गर्भावस्था से जुड़ी जांचें की गईं.
बलात्कार पीड़ितों के लिए मज़बूत समर्थन प्रणाली के महत्व को लेकर पार्टनर फॉर लॉ इन डेवलपमेंट संस्था की कार्यकारी निदेशक मधु मेहरा से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
बलात्कार के मामलों में 2013 के संशोधन के बाद होने वाली कार्यवाही में बहुत हद तक सुधार हुआ है लेकिन अब भी पीड़ित को उत्पीड़न सहना पड़ता है.