बसपा के पूर्व सांसद हाजी शाहिद अख़लाक़ के छोटे भाई की मीट प्रोसेसिंग कंपनी है. घटना में एक मज़दूर व दो कर्मचारी बाल-बाल बच गए. कंपनी के लोग शवों को एक निजी अस्पताल के बाहर फेंककर फरार हो गए.
द वायर की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए मेरठ पुलिस ने कहा कि पूछताछ में नाबालिग ने नहीं बताई अपनी उम्र. दलित होने की वजह से नाबालिगों की गिरफ़्तारी के आरोप पर पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया.
ग्राउंड रिपोर्ट: दो अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान मेरठ में गिरफ़्तार किए गए बच्चों के परिजनों का कहना है कि दलित होने की वजह से पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया.
रविवार को नरेंद्र मोदी के ज़ोर-शोर से हुए रोड शो में एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन हुआ, जो 82 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का महज़ 8.36 किमी है.
हम भी भारत की 33वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मेरठ के शोभापुर गांव में 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के बाद हुई हिंसा में मारे गए दलित युवक गोपी के परिजनों और गांववालों से बात कर रही हैं.
मायावती ने आरोप लगाया कि निकाय चुनाव के बाद सस्ती राजनीति की शुरुआत स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने केवल भाजपा के विजयी मेयरों को प्रधानमंत्री निवास बुलाकर की.
बुलंदशहर जिले के खेतलपुर भंसोली गांव में कथित रूप से बर्तन से हाथ लगने पर 15 अक्टूबर को गर्भवती दलित महिला को पीटा गया था.
पहले योगी सरकार ने यूपी टूरिज़्म की बुकलेट से हटाया ताजमहल का नाम, अब संगीत सोम बोले, हम इतिहास बदल डालेंगे.
एक बार में तीन तलाक़ को कोर्ट द्वारा असंवैधानिक क़रार देने के बाद उत्तर प्रदेश से चार और मध्य प्रदेश से एक मामला सामने आया है.
1987 में हुआ हाशिमपुरा नरसंहार बीते कुछ दशकों में हुई त्रासदियों में से एक है. ढेरों सबूतों और चश्मदीदों की गवाही के बावजूद मार्च 2015 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था.
चारों तरफ़ ख़ून के धब्बे बिखरे थे. नहर की पटरी, झाड़ियों और पानी के अंदर ताज़ा जख़्मों वाले शव पड़े थे. समझ में सिर्फ़ इतना आया कि इन शवों और रास्ते में दिखे पीएसी की ट्रक में कोई संबंध ज़रूर है.
जन गण मन की बात की 44वीं कड़ी में विनोद दुआ वाम दलों की स्थिति और प्रशांत विश्नोई के घर से मिले हथियारों के जखीरे और वन्य जीवों के अंगों पर चर्चा कर रहे हैं.
प्रासंगिक: यह वास्तव में एक त्रासदी है कि जिन लोगों के पास यह सुनिश्चित करने की क्षमता थी कि भारत सांप्रदायिकता के बवंडर में न फंस जाए, उनमें से कोई भी मेरठ हिंसा के असली रूप को पहचान नहीं पाया.
वर्दी वाला गुंडा, दुल्हन मांगे दहेज, दहेज में रिवॉल्वर जैसे उपन्यासों के रचयिता वेद प्रकाश शर्मा ने शुक्रवार देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया.
राजधानी दिल्ली से लगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की अपनी फिल्म इंडस्ट्री है जिसे यहां के लोगों ने ‘मॉलीवुड’ नाम दिया हुआ है.