मणिपुर में भड़की हिंसा की वजह क्या है?

वीडियो: मणिपुर में मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के विरोध में बीते 3 मई को निकली रैलियों के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें क़रीब 54 लोगों की मौत हो गई. कई घरों में आग लगा दी गई और सैकड़ों लोग अपना घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए. इस घटनाक्रम के बारे में बता रही हैं द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती.

मणिपुर में हिंसा के बीच 54 लोगों की मौत, 13 हज़ार लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका नगा और कुकी समेत कई आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. इस विवाद के केंद्र में मणिपुर हाईकोर्ट का वह आदेश भी है, जिसमें मेईतेई को एसटी दर्जा देने संबंधी बात कही गई थी.

सात वजहें, जो बताती हैं कि मणिपुर हिंसा अचानक हुई घटना नहीं है

मणिपुर में हुई हालिया हिंसा के बीच जो बात स्पष्ट नज़र आती है, वो यह है कि समुदायों के बीच संघर्षों के इतिहास से भरे इस राज्य को संभालने में अगर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ज़रा भी सावधानी बरती होती तो ताज़ा संघर्ष के कई कारणों से बचा जा सकता था.

मणिपुर: दो पहाड़ियों पर अधिकार को लेकर जारी विवाद के बीच सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ़्तार

इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन नामक एनजीओ के प्रमुख मार्क टी. हाओकिप को राजधानी दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया है. मणिपुर की दो पहाड़ियों- थांगजिंग और कोबरू पर ​अधिकार को लेकर मेईतेई और कुकी जनजातीय समूह के बीच विवाद जारी है. दोनों समूह इन पहाड़ियों पर अपना दावा करते हैं. पहाड़ियों को लेकर पर विवाद पर हाओकिप की टिप्पणी को लेकर उन्हें गिरफ़्तार कर इंफाल ले जाया गया है.