गृह मंत्रालय की ओर से कुछ शर्तों के साथ के साथ ग्रीन, ऑरेंज और रेड ज़ोन में शराब की दुकानें खोलने की भी अनुमति दी गई है. संक्रमित क्षेत्रों में इसकी अनुमति नहीं होगी.
सरकार की ओर से कोरोना वायरस संक्रमण के आधार पर बांटे गए रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन के आधार पर विशेष गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी गई है.
कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र यह तीसरी बार है, जब सरकार ने लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ा दी है. पहले चरण में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर तीन मई कर दिया गया था.
कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि असम के डिटेंशन सेंटरों में ऐसे 'घोषित विदेशी' जो यहां दो साल का समय गुज़ार चुके हैं, उन्हें मौजूदा हालात के मद्देनज़र सशर्त रिहा किया जाए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अधिकारियों से विभिन्न राज्यों में फंसे मज़दूरों और 14 दिनों के क्वारंटाइन की अवधि पूरा कर चुके लोगों की सूची तैयार करने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर लॉकडाउन के दौरान नगर निगम क्षेत्र से बाहर आवासीय और मार्केट कॉम्प्लेक्स स्थित सभी दुकानों तथा ग़ैर-कंटेनमेंट ज़ोन में नगर निगम के दायरे में स्थित आवासीय परिसरों में दुकानों को खोलने को मंज़ूरी दी है.
19 अप्रैल को गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर मजदूरों के आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं. हालांकि इनके व्यावहारिक रूप से लागू होने पर कई सवाल हैं.
छात्रों पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और दंगे करने का भी मामला दर्ज किया गया है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 23 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने संसद में कहा था कि इस हिंसा में 52 जानें गई हैं.
ज़ूम वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए एक उपयोगी ऐप है, जो इसकी मदद से अपने टीम के अन्य सदस्यों से जुड़ सकते हैं. कोरोनावायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग मीटिंग आदि करने के लिए इस तरह के ऐप का सहारा ले रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते दंगे से जुड़े मामलों की जांच धीमी नहीं पड़नी चाहिए.
बीते 5 मार्च को सात महीने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट से प्रतिबंध हटाया गया है. एक तबके का मानना था कि यह बैन शांति प्रक्रिया के लिए अहम था, हालांकि स्थानीयों के मुताबिक़ यह प्रतिबंध मनोरंजन या सोशल मीडिया पर नहीं बल्कि आम जनता के जानने और बोलने पर था.
जम्मू कश्मीर के हवाईअड्डों की सुरक्षा का ज़िम्मा अब तक सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के पास था. एक हालिया आदेश में जम्मू कश्मीर के गृह विभाग ने यह ज़िम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी है.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के तक़रीबन 37 हज़ार लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के मामित, कोलासिब और लुंगलेई ज़िलों में बस गए थे. इन्हें वापस भेजने के क्रम में पिछले साल केंद्र ने त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में दी जाने वाली मुफ्त राशन की व्यवस्था रोक दी थी, जिसके बाद काफी प्रदर्शन हुआ था.
कांग्रेस की अगुवाई में सोमवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक में संशोधित नागरिकता क़ानून को तत्काल वापस लेने और एनआरसी व एनपीआर पर रोक लगाए जाने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया.