उत्तर प्रदेश: पुलिस की मारपीट का वीडियो बना रहे पत्रकार को गिरफ़्तार किया

मामला नोएडा सेक्टर-58 का है, जहां बुधवार को एक पत्रकार वाहन चेकिंग के दौरान हुई पुलिस की झड़प का वीडियो बना रहा था. वीडियो बनाने से नाराज़ पुलिस ने उसे पीटा और रात भर हवालात में रखा.

उत्तर प्रदेश में ख़बर छापने पर छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज, एक गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में सरकारी स्‍कूल के अंदर बच्‍चों के झाड़ू लगाने का वीडियो बनाने वाले एक पत्रकार को पुलिस ने मामला दर्ज करके गिरफ़्तार कर लिया है. वहीं बिजनौर में सरकारी नल से एक दलित परिवार को पानी भरने से दबंगों द्वारा कथित तौर पर रोके जाने के चलते उनके पलायन करने की खबर छापने के बाद पांच पत्रकारों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.

नमक-रोटी की ख़बर करने वाले पत्रकार की रोज़ी-रोटी की कहानी

साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के तहत बच्‍चों को नमक और रोटी दिए जाने की ख़बर करने के कारण पत्रकार पवन जायसवाल के ख़िलाफ़ ज़िला प्रशासन ने केस दर्ज करा दिया है. द वायर से विशेष बातचीत में पवन ने इस मामले और अपने पत्रकारीय जीवन से जुड़ी चुनौतियों को साझा किया.

मिर्ज़ापुर मिड-डे मील मामला: पत्रकार के समर्थन में उतरे ग्रामीणों ने बच्चों को नहीं भेजा स्कूल

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के स्कूल में मिड-डे मील में नमक रोटी दिए जाने की रिपोर्ट करने वाले पत्रकार पर एफआईआर होने के बाद अभिभावकों ने कहा कि जब तक मुकदमा वापस नहीं लिया जाता, तब तक विद्यालय का बहिष्कार जारी रहेगा.

मिर्जापुर पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर प्रेस परिषद ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी

भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की निंदा करते हुए कहा है कि अपना काम कर रहे एक पत्रकार को इस तरह निशाना बनाना बिल्कुल गलत है.

मिर्जापुर: पत्रकार के ख़िलाफ़ मामले पर डीएम ने कहा, प्रिंट पत्रकार होकर वीडियो क्यों बनाया?

मिर्जापुर के ज़िला मजिस्ट्रेट अनुराग पटेल ने एफआईआर को सही ठहराते हुए कहा कि किसी स्टोरी को करने का यह कोई तरीका नहीं है. अगर वह प्रिंट पत्रकार हैं तो उन्हें तस्वीरें लेनी चाहिए थी, वीडियो क्यों बनाया. इसलिए हमें लगता है कि वह साजिश का हिस्सा हैं.

मिर्जापुर: मिड-डे मील में नमक-रोटी खाते बच्चों का वीडियो बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज

एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ये वीडियो जानबूझकर और प्रायोजित तरीके से छलपूर्वक बनाया गया और उसे वायरल करते हुए सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की गई है.

उत्तर प्रदेश: मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड-डे मील में नमक और रोटी दी गई

एक छात्र के परिजन ने मीडिया को बताया, ‘कभी बच्चों को खाने में नमक और रोटी दी जाती है, तो कभी नमक और चावल. दूध कभी-कभार ही आता है, अधिकतर समय बांटा ही नहीं जाता. केले कभी नहीं दिए जाते. पिछले एक साल से ऐसा ही है.’

मध्य प्रदेशः शौचालय में बनाया जा रहा मिड डे मील, मंत्री ने कहा- इसमें कोई दिक्कत नहीं

मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने कहा कि शौचालय में खाना बनाने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन टॉयलेट सीट और खाना बनाने वाले स्टोव के बीच एक उपयुक्त गैप होना चाहिए.

मिड-डे मील खाने से तीन साल में 900 से अधिक बच्चे बीमार हुए: केंद्र

मानव संसाधन विकास मंत्रालय को तीन सालों में भोजन की गुणवत्ता खराब होने के संबंध में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 35 शिकायतें मिलीं.

गुजरात: तीन शिक्षकों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर दलित मिड-डे मील प्रबंधक ने की आत्महत्या

प्रधानमंत्री के गृह क्षेत्र वडनगर में तीन शिक्षकों द्वारा दलित होने के नाते शोषण से तंग आकर युवक ने कुएं में कूदकर कथित आत्महत्या कर ली.

बस्तर: जहां नागरिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं

बस्तर के लिए लोकतंत्र क्या है? सरकार, मीडिया और कुछ एनजीओ के दावों से लगता है कि यहां विकास की ऐसी बयार आई हैं, जिसमें नागरिकों को ज़मीन पर ही मोक्ष मिल गया है.

छत्तीसगढ़ में बायोमेट्रिक पहचान न होने के कारण कई वृद्ध पेंशन से ​वंचित

राज्य के करदाना गांव में सरकार ने उन लोगों की पेंशन रोक दी है, जिन्होंने अब तक बैंक में आधार कार्ड नहीं जमा किया है. यह न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत मिलने वाले जीने के अधिकार की अवहेलना भी है.

क्या सचमुच ‘भूतों’ के पेट में जा रहा है मिड डे मील?

आधार के समर्थन में आई कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि लाखों ‘छात्रों के भूत’ मिड डे मील का लाभ उठा रहे हैं. ये दावे न तो प्रमाणिक हैं, न गंभीर जांच पर आधारित हैं.