साल 2020 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं पर एक स्वत: संज्ञान याचिका पर आदेश देते हुए अदालत ने केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत लेकिन एनएफएसए से बाहर रखे गए लगभग 8 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मज़दूर दिवस के एक कार्यक्रम में ठेकेदारों और नियोक्ताओं से राज्य में श्रमिकों को काम पर रखने से पहले एक ‘लेबर कार्ड’ लेने को कहा. साथ ही जोड़ा कि गोवा में अधिकतम अपराध प्रवासी मज़दूरों द्वारा किए जाते हैं. अपराध करके वे अपने राज्य लौट जाते हैं और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है.
घटना बहादुरगढ़ ज़िले के झकोड़ा गांव की है. इस हादसे में मकान के मालिक समेत एक राजमिस्त्री और दो मज़दूरों की मौत हुई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने बताया कि हरियाणा के हिसार जिले में नारनौंद अनुमंडल के ग्राम कापरो में सीवर की पाइप फिटिंग का काम करने के दौरान बिहार निवासी तीन प्रवासी मजदूरों की जमीन धंसने के कारण दबकर मौत हो गई.
जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में हुए ग्रेनेड हमले में उत्तर प्रदेश के कन्नौज के रहने वाले दो मज़दूरों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान मनीष कुमार और राम सागर के रूप में हुई है. बीते 15 अक्टूबर को शोपियां में ही कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकतम प्रवासी श्रमिकों को राशन सुनिश्चित करने का राज्य सरकारों को तौर-तरीके तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि अंतिम लक्ष्य यह है कि भारत में कोई नागरिक भूख से नहीं मरे. अदालत ने कहा कि प्रवासी श्रमिक राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और कहीं से भी उनके अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती.
बीते दो अगस्त को गुड़गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने उत्तर प्रदेश से आए दो प्रवासी मज़दूरों को अगवा कर उन पर एक लड़की के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए बर्बर तरीके से पीटा था. इसके चलते 21 वर्षीय अनुज गौतम की मौत हो गई और उनके बहनोई संजय बुरी तरह घायल हो गए.
मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स ज़िले के एक अवैध कोयला खदान में पांच श्रमिक बीते 31 मई से फंसे हुए हैं. ज़िला प्रशासन ने बताया कि खदान में पानी भरा हुआ है और बचावकर्मी जलस्तर कम होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अवैध खनन के आरोप में खदान के मालिक को गिरफ़्तार किया गया है.
इस पहाड़ी राज्य में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों को डर है कि साल 2020 में कोरोना की पहली लहर में राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जो दुख और चुनौतियां झेलीं, इस बार भी वैसा ही होने वाला है.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मांग की कि प्रवासी मज़दूरों को उनके मूल निवास स्थानों पर रोज़गार और मुफ्त भोजन मुहैया कराया जाए. देशभर के गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को 10-10 हज़ार रुपये दिए जाएं.
कोरोनो वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के कारण प्रवासी मज़दूरों की ज़िंदगी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मज़दूरों की हालात पर उन्हें समर्पित एक गीत हाल ही में यूट्यूब पर रिलीज़ किया गया है.
सहारनपुर के डिविज़नल कमिश्नर ने कहा कि लोग जिस रबर ट्यूब का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे पहले से ही ख़राब हालत में है और कभी भी फट सकते हैं. इससे नदी को पार करने का जोख़िम उठाने वालों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है.
मज़दूरों का ये जत्था हरियाणा के यमुनानगर से आ रहा था. आजीविका खो चुके इन मज़दूरों का कहना है कि जिस शेल्टर होम में ये रह रहे थे, वहां ख़राब खाने के साथ एक टाइम ही खाना मिल रहा था.
वीडियो: लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के मज़दूरों को वापस बुलाने के मुद्दे पर राजद नेता तेजस्वी यादव से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
19 अप्रैल को गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर मजदूरों के आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं. हालांकि इनके व्यावहारिक रूप से लागू होने पर कई सवाल हैं.