अगस्त महीने में हरियाणा के चरखी दादरी में कथित गोरक्षकों द्वारा गोमांस खाने के शक में एक 26 वर्षीय शख़्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. अब हरियाणा पुलिस को मिली फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिस मांस के शक में यह हत्या की गई थी, वो गोमांस नहीं था.
मृतक साबिर पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और पिछले 3 सालों से अपनी पत्नी के साथ हरियाणा में कबाड़ बीनने का काम कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, आरोपी गोरक्षक दल के सदस्य थे और उन्हें संदेह था कि साबिर ने गोमांस खाया है.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के शाहदरा शरीफ़ इलाके में अज्ञात व्यक्तियों ने सोमवार शाम एक 40 वर्षीय सरकारी कर्मचारी मोहम्मद रज़ीक की गोली मारकर हत्या कर दी. यह इस साल घाटी में हुई ऐसी चौथी घटना है. जिस इलाके में यह घटना हुई, वह अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में है, जहां 7 मई को मतदान होना है.
अनंतनाग जिले में 17 अप्रैल शाम को अज्ञात लोगों ने बिहार निवासी एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी. एक सप्ताह में दक्षिण कश्मीर में नागरिकों पर यह दूसरा लक्षित हमला है और इस साल घाटी में ऐसी तीसरी घटना है.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का प्रवासी मज़दूर मुकेश कुमार पुलवामा के एक ईंट भट्ठे पर काम करते थे. बीते सोमवार को पैसा घर भेजने के लिए बैंक जा रहे थे जब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुकेश पहले ग़ैर-स्थानीय व्यक्ति हैं, जिनकी इस साल कश्मीर में लक्षित हत्या की गई है.
सभी मज़दूर चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे ज़िले में ‘सीमा सड़क संगठन’ की एक सड़क निर्माण परियोजना में कार्यरत थे. उन्हें असम के स्थानीय ठेकेदार काम का वादा करके अरुणाचल के दामिन स्थित एक शिविर में ले गए थे. 3 जुलाई के बाद से परिजनों का उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. 13 जुलाई को जब स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी हुई, तब तलाशी अभियान शुरू किया गया.
घटना हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले की हरोली तहसील के बाथू औद्योगिक क्षेत्र में हुई. विस्फोट में जिन महिलाओं की मौत हुई वे सभी प्रवासी श्रमिक हैं. घायलों में भी नौ महिलाएं शामिल हैं. घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. ऊना के उपायुक्त ने कहा कि अवैध फैक्टरी को अनुमति देने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
सिख धार्मिक प्रतीकों के कथित अपमान को लेकर पंजाब में बीते दिनों दो लोगों की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई. जनभावनाएं लिंचिंग की इन घटनाओं के समर्थन में खड़ी नज़र आती हैं और मुख्यधारा के राजनीतिक दल व सिख स्कॉलर्स उन भावनाओं को आहत करना नहीं चाहते.
बेअदबी के आरोप में बीते 19 दिसंबर को कपूरथला के एक गुरुद्वारा में की गई लिंचिंग में पीड़ित व्यक्ति के शव पर घाव के क़रीब 30 निशान मिले हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि यह घटना हत्या की ओर इशारा करती है, क्योंकि जांच में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला है. कपूरथला के अलावा बीते 18 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में जिन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, उन दोनों
सभ्य, लोकतांत्रिक और आधुनिक समाजों में मॉब लिंचिग जैसी बर्बरताओं की कोई जगह नहीं है- धर्मग्रंथों व प्रतीकों की बेअदबी के नाम पर भी नहीं.
पंजाब विधानसभा ने साल 2018 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के संबंध में दो विधेयकों को पारित किया था, जिसमें आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा देने का प्रावधान किया गया है. उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि राष्ट्रपति इन कानूनों को तत्काल मंज़ूरी प्रदान करें.
पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के हत्या के बाद 19 दिसंबर को इसी तरह कपूरथला निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि कपूरथला में हुई घटना में पुलिस ने बेअदबी किए जाने के आरोप से इनकार किया. दोनों घटनाओं में मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है.
लोकसभा में सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के चलते सबसे ज़्यादा प्रवासी मज़दूर उत्तर प्रदेश, उसके बाद बिहार फिर पश्चिम बंगाल लौटे हैं.
वीडियो: बीते 24 मार्च को कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पूरे देश से मज़दूर पलायन कर अपने मूल राज्यों को लौट गए थे. हालांकि वहां कोई काम न मिलने के बाद अब मज़दूरों ने वापस बड़े शहरों का रुख़ करना शुरू कर दिया है. दिल्ली लौटे मज़दूरों से बातचीत.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को ज़मानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस एआर मसूदी ने अपने आदेश में प्रवासी मज़दूरों के लिए बसों की व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के आपसी गतिरोध में उलझने पर चिंता जताई.