घटना मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले की है. बीते 25 नवंबर को ज़िले के गोपालपुर गांव में सोन नदी के तट पर राजस्व अधिकारी प्रसन्न सिंह और तीन अन्य पटवारी निरीक्षण के लिए गए थे, जब उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस संबंध में ट्रैक्टर चालक और वाहन के मालिक को गिरफ़्तार कर लिया है.
उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूपी पुलिस पर बेकसूर लोगों को गिरफ़्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाया है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब एक खनन माफिया को गिरफ़्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई गोलीबारी में स्थानीय भाजपा नेता और ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी.
हरियाणा के नूह ज़िले के तावड़ू में तैनात डीएसपी सुरेंद्र सिंह अवैध पत्थर खनन की जांच कर रहे थे, जब एक डंपर ट्रक ने उन्हें कुचल दिया. डीएसपी सिंह वर्ष 1994 में बतौर सब इंस्पेक्टर हरियाणा पुलिस में भर्ती हुए थे और चार महीने में रिटायर होने वाले थे.
रायगढ़ ज़िले के सारंगढ़ टिमरलगा क्षेत्र का मामला. अवैध खनन की सूचना पर सहायक कलेक्टर अपनी टीम के साथ पहुंचे थे, जहां खनन माफिया ने उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए उनकी कार को जेसीबी कुचलने की कोशिश की. मामला दर्ज.
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले का मामला. इससे पहले चंबल क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र सिंह, वन रक्षक नरेंद्र शर्मा, कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र चौहान और पत्रकार संदीप शर्मा की हत्या में खनन माफियाओं का हाथ होने की बात सामने आई है.