1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिन्होंने आरबीआई में छह साल तक काम किया है. मल्होत्रा वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी से पता चलता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाए जाने के एक पखवाड़े बाद 28 फरवरी को वित्त मंत्रालय ने भारतीय स्टेट बैंक को बॉन्ड छपाई पर 'तुरंत रोक लगाने' के लिए कहा था.
भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आख़िरी बजट पेश किया. सरकार ने मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये, जबकि जनगणना के लिए महत्वपूर्ण कमी के साथ 1,277.80 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बजट में ग्रामीण विकास पर 2,65,808 करोड़ रुपये ख़र्च करने की उम्मीद है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड योजना के तहत नवीनतम बिक्री (29वीं किश्त) में सर्वाधिक बिक्री तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद (359 करोड़ रुपये) में हुई, इसके बाद मुंबई (259.30 करोड़ रुपये) और दिल्ली (182.75 करोड़ रुपये) रहे.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि देशभर में भारतीय स्टेट बैंक की अधिकृत शाखाएं 6 नवंबर से 20 नवंबर के बीच चुनावी बॉन्ड जारी कर सकती हैं. यह घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ हफ्ते पहले आई है.
सुप्रीम कोर्ट 31 अक्टूबर को चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ चुनौतियों को सुनने वाला है. इससे पहले अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत से कहा कि सिर्फ इसलिए कि नागरिकों को उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास जानने का हक़ है, इसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये होने वाली फंडिंग की जानकारी तक नहीं बढ़ाया जा सकता.
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को वित्त मंत्रालय ने सलाह दी है कि भविष्य में ब्याज दर की सिफ़ारिशों को उसके द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद ही सार्वजनिक किया जाए. यह आदेश ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर में बढ़ोतरी की सिफ़ारिश करने के बाद जारी किया गया था.
वीडियो: बीते 9 साल में भारत का क़र्ज़ा अगर 100 लाख करोड़ बढ़ा है, तो यह गया कहां? क़र्ज़ बढ़ने का भारत के लोगों को क्या फायदा हुआ? बीते 9 साल में टैक्स कलेक्शन में 3 गुना की बढ़ोतरी हुई है? इसे किस तरह देखा जाना चाहिए?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 19 जुलाई 2021 को लोकसभा को बताया था कि सेबी अडानी समूह की कंपनियों की जांच कर रहा है. अब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उनके द्वारा अडानी समूह पर लगे किसी भी गंभीर आरोप की जांच नहीं की गई थी. इन विरोधाभासी बयानों के बाद विपक्ष के हमलावर होने पर वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह लोकसभा में दिए अपने बयान पर क़ायम है.
2014 में लाई गई प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंक खाताधारकों को 30,000 रुपये के जीवन बीमा कवर की भी घोषणा की गई थी, लेकिन एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सरकार ने बताया कि यह सुविधा मार्च 2020 से बंद कर दी गई है.
लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एटीएम में 2,000 रुपये के नोट नहीं रखने को लेकर बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है.
लोकसभा में पेश कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय द्वारा वापस की गई धनराशि मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी राज्यों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं के लिए ‘कम आवश्यकता’ के कारण है.
मैला ढोने की प्रथा को ख़त्म करने की दिशा में काम करने वाले संगठन ‘सफाई कर्मचारी आंदोलन’ की ओर से कहा गया है कि इस बार के बजट में सफाई कर्मचारियों की मुक्ति, पुनर्वास और कल्याण के लिए एक भी शब्द नहीं कहा गया और न ही इस मद में धन का आवंटन किया गया है. यह हमारे समाज के साथ धोखा है.
अमेरिकी निवेशक अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समूह के शेयरों में गिरावट देखी गई है. समूह के शेयरों में निवेश की वजह से एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकार-नियंत्रित वित्तीय संस्थानों के बाज़ार पूंजीकरण में भी गिरावट दर्ज हुई है.