देश की सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना की वेबसाइट के दो महीने से बंद होने को लेकर इसके संचालन के लिए ज़िम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 'तकनीकी' कारणों का हवाला दिया है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) आधार आधारित भुगतान प्रणाली का कार्यान्वयन 30 जनवरी 2023 को अनिवार्य कर दिया गया था, हालांकि बाद में इसे लागू करने के लिए कई विस्तार दिए गए थे. 31 दिसंबर 2023 के बाद राज्यों को कोई विस्तार नहीं दिए जाने के कारण एबीपीएस 1 जनवरी 2024 से अनिवार्य हो गया.
विभिन्न राज्य सरकारों ने 2022-23 में मनरेगा डेटाबेस से 5 करोड़ से अधिक जॉब कार्ड हटा दिए हैं, जो 1 करोड़ से 1.5 करोड़ जॉब कार्ड हटाने के वार्षिक औसत से कहीं अधिक है. एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया है राज्यों ने जॉब कार्ड हटाने में तेज़ी ला दी है, क्योंकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 100 प्रतिशत आधार आधारित भुगतान प्रणाली के अनुपालन पर ज़ोर दिया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, मनरेगा योजना के तहत काम की मांग पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ गई है. सितंबर तक योजना के तहत काम चुनने वाले व्यक्तियों की संख्या भी एक साल पहले की तुलना में इस साल 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 19 करोड़ हो गई है.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में जॉब कार्ड हटाना और नए जॉब कार्ड जारी करना नियमित प्रथा है, लेकिन हाल ही में हटाए गए कार्डों की बड़ी संख्या ने चिंता पैदा कर दी है. इन नामों के हटने के पीछे का मुख्य कारण आधार-आधारित भुगतान प्रणाली का कार्यान्वयन बताया जा रहा है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे पत्र में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्र से 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 13 लाख आवासों को मंज़ूरी देने का आग्रह किया था. जवाब में सिंह ने बताया कि प्रदेश को पहले ही 11.66 लाख घरों का ‘पूर्ण और अंतिम’ आवंटन दिया जा चुका है.
कोरोना महामारी के चलते खड़ी हुई अप्रत्याशित स्थिति में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत महिला खाताधारकों को तीन किस्तों में 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. अब आरटीआई के तहत सामने आई जानकारी में इसके आंकड़ों में विसंगतियां मिली हैं.
कम वेतन में कड़ी मेहनत करने वाले नरेगा श्रमिकों के लिए जटिल केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली दुस्वप्न साबित हुई है. केंद्र को चाहिए कि वह ऐसा सरल, विकेंद्रीकृत तंत्र बनाए जिसमें भुगतानों को मंज़ूरी और भुगतान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका हो. ऐसा तंत्र नरेगा में और अधिक जवाबदेही को बढ़ावा देगा.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रदर्शन समीक्षा समिति बैठक में पेश एजेंडा पेपर के अनुसार, मार्च के अंत तक देशभर में 54.57 लाख स्वयं सहायता समूहों को 91,130 करोड़ रुपये के बैंक क़र्ज़ दिए गए, जिनमें से 2,168 करोड़ रुपये एनपीए में तब्दील हो गए.
सांसद आदर्श ग्राम योजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए बनाई गई एक समिति ने कहा है कि इसके लिए कोई समुचित फंड नहीं है और सांसदों ने इसमें कोई ख़ास रुचि नहीं दिखाई है, जिसके कारण योजना काफी प्रभावित हुई है.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन योजना का उद्देश्य सस्ती दर पर 80,000 व्यावसायिक यात्री वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान करना है, ताकि डेढ़ लाख गांवों की परिवहन प्रणाली को मज़बूत बनाया जा सके.
मौजूदा वित्त वर्ष (25 मार्च तक) में मनरेगा के तहत 255 करोड़ व्यक्ति कार्य दिवस पैदा किया गया जो कि 2010-11 के बाद से इस योजना के तहत व्यक्ति कार्य दिवस की सबसे अधिक संख्या है.
पत्र में कहा गया है, ‘आपकी सरकार में देश के विकास को गति देने के लिए रोजगार और नौकरियों के सृजन का बार बार वादा किए जाने के बावजूद देश की एकमात्र रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को धीरे धीरे समाप्त किया जा रहा है.'
शीर्ष अदालत ने कहा कि मज़दूरों को काम पूरा होने के एक पखवाड़े के भीतर अपना भुगतान पाने का अधिकार है. यदि कोई खामी है तो यह राज्य सरकारों और ग्रामीण विकास मंत्रालय की ज़िम्मेदारी है.
भाजपा सांसद ने कहा कि दलितों के घर रात बिताने और भोजन करने से दलित परिवार सशक्त नहीं होते हैं. इस दिखावे से बेहतर है कि नेता ज़रूरतमंद दलितों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतज़ाम करें.