विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मासिक राहत राशि बढ़ाने और समुदाय के बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियां देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपनी बस्ती के बाहर प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि सरकार को मासिक राहत राशि 13,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना चाहिए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने तीन प्रस्ताव पारित किए, जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किया गए हैं. पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के ‘नस्ली सफाए’ के साज़िशकर्ताओं को कभी भी जम्मू कश्मीर नहीं मिलेगा.